Vijay Diwas 2022: 16 दिसंबर का दिन हर साल ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। बता दें कि इस युद्ध में भारत ने 14 दिनों में पाकिस्तान को दो भागों में विभाजित कर दिया था। साथ ही बांग्लादेश को भी आजाद करवा लिया था। भारत शुरू में इस युद्ध का हिस्सा नहीं था लेकिन पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन चंगेज खान’ के चलते भारत को यु्द्ध में शामिल होना पड़ा था। पाकिस्तान ने भारत की पश्चिमी सीमा पर हमला कर दिया था।
Vijay Diwas 2022: आत्मसमर्पण की बात कहकर भी मुकर गया था पाक
इस जंग में पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने सरेंडर कर दिया था। भारतीय सेना द्वारा ढाका को घेरने के बाद लगभग 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया था। पाकिस्तान के जनरल नियाजी ने 93000 पाकिस्तानी सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण करने की बात कही थी। लेकिन भारतीय सेना प्रमुख मोनिक शॉ ने 16 दिसंबर की सुबह जेएफआर जैकब को फोन करके ढाका रवाना होने के लिए कहा। जब जनरल वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा की जंग अभी भी जारी थी। क्योंकि गोलियों की आवाज सुनाई दे रही थी। जिसके बाद वह पाकिस्तान के जनरल नियाजी से मुलाकात करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि आपने आत्मसमर्पण की बात कही थी। उन्होनें दस्तावेज भी पढ़कर सुनाया। जिसे सुनकर पाकिस्तान के जनरल भड़क गए और कहा कि, “किसने कहा कि हम आत्मसमर्पण कर रहे हैं। केवल युद्धविराम पर चर्चा हुई।”
इस बात को सुनने के बाद जनरल जैकब ने जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तनी सैनिकों और परिवारों की सुरक्षा पर तभी मुहर लगेगी, जब पाकिस्तान आत्मसमर्पण पत्र पर हस्ताक्षर करेगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। लेकिन पाकिस्तानी जनरल इसके लिए तैयार नहीं थे। फिर भारत ने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए केवल आधे घंटे का समय दिया था। इस बीच भारतीय मेजर जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा भी ढाका पहुंच चुके थे। उनके सामने ही पाकिस्तानी सेना के जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने अपने 93000 सैनिकों के साथ भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। भारत ने केवल 14 दिनों में युद्ध जीता और बांग्लादेश के लिए स्वतंत्रता प्राप्त की।
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