उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने आज बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण को मंजूरी दे दी है। इसके साथ अब प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।

इस फैसले के साथ ही गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने वाला यूपी तीसरा राज्य बन गया है। गुजरात व झारखंड में इसे पहले ही लागू किया जा चुका है। बैठक के बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए राज्य सरकार के मंत्री व प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राज्य में केंद्र के प्रस्ताव को हूबहू लागू किया जाएगा।

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गौरतलब हैं कि आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे सामान्य वर्ग परिवार इस आरक्षण के हकदार होंगे जिनकी सालाना कमाई 8 लाख रुपए से कम होगी, जिसके पास 5 हेक्टेयर से कम जमीन होगी।

जिनका घर 1000 स्क्वेयर फीट से कम क्षेत्रफल का हो, अगर घर नगरपालिका में होगा तो प्लाट का आकार 100 यार्ड से कम होना चाहिए और अगर घर गैर नगर पालिका वाले शहरी क्षेत्र में होगा तो प्लाट का आकार 200 यार्ड से कम होना चाहिए।

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बता दें यह आरक्षण अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त है।

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