एक टीवी न्यूज चैनल के द्वारा कराए गए स्टिंग से भ्रष्‍टाचार के आरोप में फंसे उत्‍तर प्रदेश के 3 मंत्रियों के निजी सचिवों को सस्‍पेंड करके गिरफ्तार किया जा सकता है। स्टिंग ऑपरेशन के सामने के आने के बाद सूबे की योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। राज्‍य सरकार ने इन सभी आरोपी निजी सचिवों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

सचिवालय प्रशासन के अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता ने कहा है कि सरकार मामले की जांच करवाएगी, दोषी पाए जाने पर ऐसी कार्रवाई होगी, जो दूसरों के लिए सबक साबित होगी। स्टिंग प्रसारित होने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपर मुख्य सचिव को इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके तुरंत बाद ही अपर मुख्य सचिव, सचिवालय प्रशासन ने तीनों निजी सचिव के खिलाफ जांच के आदेश दे दिया।

गुरुवार 11 बजे तक इस मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि इन आरोपियों को सस्‍पेंड करके उन्‍हें अरेस्‍ट किया जा सकता है। बुधवार को प्रसारित किए गए स्टिंग में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के निजी सचिव ओमप्रकाश कश्यप, खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडे के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी को अलग-अलग काम करवाने के एवज में पैसे का ऑफर लेते दिखाया गया है।

उधर, अर्चना पांडे ने कहा है कि ये सब कैसे हुआ, उन्‍हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्‍होंने कहा, ‘मैंने सोचा भी नहीं था कि यह होगा।’ उधर, ओम प्रकाश राजभर ने भी इस पूरे मामले से पल्‍ला झाड़ लिया है। राजभर ने कहा, ‘वे सरकारी कर्मचारी हैं, हम उनके खिलाफ कार्रवाई कैसे कर सकते हैं।’ उन्‍होंने कहा कि मुख्‍य सचिव को इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए।’

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