एससी/एसटी एक्ट पर देश में घमासान जारी है। एक तरफ जहां अनुसूचित जाति के लोगों ने इसे सही कहा है तो वहीं इसके विरोध में सवर्ण जाति के लोग भी सड़क पर उतर आए हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आज कथित अगड़ी जातियों के लगभग एक दर्जन संस्थान एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हैं। इनका कहना है कि ये लगातार बढ़ रहे असंतोष को दिखाने के लिए एक तरह का शक्ति प्रदर्शन है। सिर्फ ग्वालियर ही नहीं उज्जैन सहित और भी कई क्षेत्रों में 144 लागू है और बड़ी मात्रा में आंदोलन होने की उम्मीद है। इस बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत में लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि किसी को भी एससी/एसटी एक्ट के गलत इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जाएगी, इसलिए किसी को डरने की जरूरत नहीं।
खबरों के मुताबिक, ग्वालियर-चंबल संभाग में विरोध तेज हो रहा है। इसके चलते प्रदेश सरकार के मंत्री सार्वजनिक कार्यक्रमों से किनारा करने लगे हैं। सोमवार को खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधरा राजे ने अपना शिवपुरी दौरा तो नवकरणीय ऊर्जा मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने अंबाह का आैर राज्यमंत्री ललिता यादव ने दतिया का दौरा निरस्त कर दिया। इसी के चलते ग्वालियर ग्रामीण के विधायक भारत सिंह कुशवाह भी अंबाह में आयोजित समारोह में नहीं पहुंचे।
पुलिस की तरफ से हर जगह चाक-चौबंद है। प्रशासन की निगाहें भी व्यवस्था को अनुकूल बनाने में लगी हैं। सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एसपी नवनीत भसीन से सभा व रैली के आयोजकों ने कहा-चाहे स्वाभिमान सम्मेलन हो, भारत बंद का आव्हान हो या फिर पैदल मार्च। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होगा। हालांकि आयोजकों ने अंदेशा जताया कि उनके आयोजनों में असामाजिक तत्व पहुंचकर विघ्न फैलाने की कोशिश कर सकते हैं। इस पर एसपी ने कहा कि आयोजक वॉलेंटियर तैनात करें, जो भी अपरिचित या संदिग्ध दिखे तुरंत सूचना दें तो उसे हवालात भेज देंगे।