देश में कोरोना प्रचंड है। हर तरफ कोरोना की ही चर्चा हो रही है। इस महामारी से लड़ने के लिए नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन और वैक्सीन को मैदान में उतारा गया है। लेकिन कोरोना सभी प्लेयर को एकेले ही हरा रहा है। वैक्सीन लेने के बाद भी लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं।
ऑस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मरीज अस्पताल की सीढ़ियों पर दम तोड़ रहे हैं। लॉकडाउन का खतरा देश में फिर बढ़ता जा रहा है। राज्यों में लगी सख्त पाबंदियों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि केंद्र ने पाबंदियों को लेकर फैसला लेने की छूट अब राज्यों के हाथ में दे दी है, राज्य सरकारें ही अपने हिसाब से निर्णय ले रही हैं।
एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, ‘विगत 3 महीनों से हमने पाबंदियां लगाने के अधिकार राज्यों को दिए हैं, क्योंकि हर राज्य की स्थिति एक समान नहीं है। ऐसे में राज्य सरकारों को अपनी परिस्थितियों के अनुसार फैसला लेना होगा।’
अमित शाह ने कहा कि जब पहली बार लॉकडाउन लगा तब देश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर काफी कमजोर था, बेड्स-टेस्टिंग-ऑक्सीजन समेत कई तरह की सुविधाएं पहले नहीं थीं। हालांकि, अब केंद्र और राज्यों की सहायता से काफी तैयारियां हो चुकी हैं। अमित शाह ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए हर राज्य को अपने यहाँ की स्थिति के हिसाब से खुद निर्णय लेने होंगे और केंद्र सरकार उनकी पूरी मदद करेगी।
बता दे कि, कुंभ को लेकर अमित शाह ने कहा कि, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतों से अपील की है कि, वे जल्द से जल्द कुंभ को प्रतीकात्मक करें। इससे कोरोना संक्रमण पर कंट्रोल करने में आसानी होगी। उन्होंने आगे कहा कि, करीब 13 में से 12 अखाड़ों ने अपनी ओर से कुंभ समाप्ति करने का ऐलान कर दिया है, लोगों की संख्या भी अब कम हो रही है।
बीते एक हफ्ते में ही देश में 10 लाख से अधिक कोरोना के केस सामने आ चुके हैं, जबकि मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। देश में इस वक्त महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात समेत कई राज्यों की हालात काफी खस्ता हो चुकी है।