Union Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट 2022- 23 संसद में पेश करेंगी। पिछला बजट कोविड महामारी के बीच आया था। इस दौरान मुख्य बिंदु स्वस्थ भारत और मजबूत आधारभूत संरचना तैयार करना था। आजादी के बाद देश के सामने ये पहला मौका आया था जब पहला पेपरलेस बजट पेश किया गया था।
एहतियातन उठाया Union Budget में ये कदम
कोरोना महामारी से बचाव को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया था। देश के इतिहास में पहली बार पेपरलेस बजट की संकल्पना पर काम हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टेबलेट के जरिये बजट को संसद के पटल पर रखा। आइये जानते हैं पेपरलेस बजट से जुड़े अनछुए पहलू।कोरोना महामारी से बचाव को देखते हुए आया पेपरलेस बजट।
Union Budget: बात जब आम बजट की होती है, तो पूरे देश की निगाहें इस पर टिक जाती हैं। जैसे हर महिला अपना घर चलाने के लिए हर माह बजट तैयार करती है, इसी प्रकार देश के विकास और बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए बजट पेश किया जाता है। इस वर्ष बजट में क्या खास रहेगा। क्या वाकई सरकार हर वर्ग को अपनी लोक लुभावन योजनाओं से लुभा पाएगी ये तो बजट पेश होने के बाद ही पता लगेगा, लेकिन इससे पहले भारत में बजट से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातों को समझ लेते हैं।
पिछले साल हाथ में लाल बही खाते में रखे टेबलेट में था बजट : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टेबलेट के जरिये बजट को संसद के पटल पर रखा था। हाथ में लाल बही खाते में रखे टेबलेट में बजट
बैग पकड़कर वो सदन पहुंची जिसमें उन्होंने टेबलेट रखा हुआ था। लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ने भी सांसदों से बजट की soft copy पढ़ने पर जोर दिया। यही वजह रही कि दोनों ही सदनों में बजट की soft copy पेश की गई।
कई राज्यों ने भी पेपरलेस बजट पेश किया: वित्त मंत्री के बजट पेश करने के बाद कई राज्यों ने भी पेपरलेस बजट पेश किया। इस कड़ी में हरियाणा देश का पहला पेपरलेस बजट पेश करने वाला राज्य बना। इसके बाद उत्तर प्रदेश भी कड़ी से जुड़ा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में पेपरलेस बजट पेश कर सभी को इसकी soft copy ही लेने पर जोर दिया। इसके साथ ही केंद्र सरकार के इस कदम की सराहना भी की। इसी कड़ी में जुड़ते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राज्य का पेपरलेस बजट पेश किया।
पेपरलेस कहें या डिजिटल बजट: दरअसल कोरोना महामारी से बचाने के लिए अब कई राज्यों की सरकारें डिजिटल बजट पेश करने पर ही जोर दे रही हैं। इसमें दिल्ली के साथ ओडिशा का नाम भी अब जुड़ गया है।
Mobile App : कोविड से बचाने और हर खास और आम नागरिक तक वित्तीय लेखाजोखा पेश करने के मकसद से ही खास यूनियन बजट मोबाइन एप भी लांच किया गया। इसके जरिये एक सांसद से लेकर आम आदमी भी आम बजट की जानकारी ले सकता है।
Union Budget:कई लोगों ने सराहा: कोविड के बीच आम बजट को अब डिजिटली और पेपरलेस माध्यम से पेश करने के फैसले को लोगों ने सराहा है। लोगों का कहना है कि इसके जरिये लोगों के बीच खुद की सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने का भी संदेश पहुंचा है, जोकि एक सराहनीय पहल है। डीयू की प्रो कविता चौधरी ने कहा कि पेपरलेस बजट एक अच्छा प्रयास है।
ऐसे में सभी राज्यों को भी ऐसे पैर्टन पर काम करना चाहिए। पेशे से अकाउंटेंट कपिल कश्यप को उम्मीद है कि इस बार भी केंद्र सरकार पेपरलेस बजट ही पेश करेगी। व्यवसायी धीरज जैन ने कहा कि आय का लेखा जोखा हो या कोई भी सरकारी योजना इसे डिजिटली प्लेटफार्म के जरिये सब तक पहुंचाना कोविड काल में सही फैसला है।
सुरक्षित स्वास्थ्य मानकों के संग पर्यावरण संरक्षण भी: कोविड के दौर में सभी को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना जरूरी है। इसी क्रम में पेपरलेस बजट सुरक्षित स्वास्थ्य मानकों के संग पर्यावरण संरक्षण भी करता है। खासतौर पर जब पेपर छपाई से लेकर उसकी पैकिंग और अन्य संसाधनों पर अतिरिक्त व्यय के साथ ही साथ धन का भी व्यय होता है। यही वजह रही की कई पर्यावरणविद् भी इस फैसले से खुश हैं।
दिल्ली की पर्यावरणविद् मीनाक्षी रावत का कहना है कि पर्यावरण का ध्यान रखना सभी के लिए जरूरी है। ऐसे में अगर सरकार पेपरलेस बजट पेश करती है, तो ये और भी सराहनीय पहल है। भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। पर्यावरणविद् मनुज शर्मा का कहना है कि चाहे बजट हो या कोई अन्य सरकारी योजना क्रियान्वयन पूर्व डिजिटल प्लेटफार्म पर आती है तो इसे एक सकारात्मक प्रयास के तौर पर देखना होगा और अन्य को भी इसका पालन करने के बारे में समझाना होगा।
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