सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइंस को लेकर ट्विटर और भारत सरकार के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। ट्विटर अपनी जिद पर अड़ा है भारत सरकार अपनी जिद पर, पूरा मामला नई गाइडलाइंस को लेकर हो रहा है। 28 मई को केंद्र ने ट्विटर को खूब खरी खरी सुनाई, सरकार ने कहा कि, इधर उधर की बातें बंद करें। गाइडलाइंस को लागू करना ही पड़ेगा।

केंद्र सरकार के आईटी मंत्रालय ने ट्वीट कर लिखा, “ट्विटर को इधर-उधर की बातें करनी बंद करनी होगी और भारत के नियमों को मानना होगा। कानून और नीतियां बनाना एक देश का विशेष अधिकार है और ट्विटर सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। इसलिए भारत की कानूनी नीतियां क्या होनी चाहिए, इसमें उसका दखल नहीं होना चाहिए। ट्विटर का बयान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने की कोशिश जैसा है। ट्विटर भारत के लीगल सिस्टम को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।”

बता दें कि, ट्विटर ने एक बयान जारी कर कहा था कि वो उन गाइडलाइंस का पालन नहीं करेगा जो भारत सरकार ने आपराधिक गतिविधियां रोकने के लिए तैयार की हैं।

ट्विटर की इस टिप्पणी पर भारत सरकार ने भी बयान जारी किया है। सरकार ने कहा कि, ट्विटर की बातें आधारहीन हैं। भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन मुद्दा साफ है, गाइडलाइंस का पालन तो करना ही पड़ेगा।

गौरतलब है कि, ट्विटर के ऑफिस पर दिल्ली पुलिस ने छापा मारा था। लेकिन इस समय सभी लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। इस मुद्दे पर ट्विटर ने अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा कि, भारत सरकार ट्विटर को डराने की कोशिश कर रही है। इस पर आईटी मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत में ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधि सुरक्षित हैं और रहेंगे और उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।

बता दें कि, दिशा रवि टूलकिट मामले क बाद ही केंद्र सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के प्रति सख्त हो गई है। कंपनियों को केंद्र ने नई गाइडलाइंस लागू करन के लिए कहा है। इसके लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 25 फरवरी से 25 मई तक समय दिया गया था। लेकिन किसी ने भी इस नियम को लागू नहीं किया है। वहीं वॉट्सएप ने मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

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