जिस कानून व्यवस्था को मुद्दा बना बीजेपी अखिलेश सरकार को हटा सत्ता में काबिज हुई उसी कानून व्यवस्था को संभालना योगी को अब भारी पड़ रहा है। अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे और पुलिस प्रशासन को ठेंगा दिखा बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। ताज़ा घटनाक्रम में यूपी के सीतापुर में एक दाल व्यापारी सुनील जायसवाल की पत्नी व बेटे समेत गोली मार कर हत्या कर दी गई। पति पत्नी की तो मौके पर ही मौत हो गयी लेकिन ऋतिक की अस्पताल लाते समय मौत हो गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस हत्याकांड को शहर कोतवाली से दो सौ मीटर की दूरी पर अंजाम दिया गया। यह पूरी वारदात घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।
दो बाइक पर सवार हत्यारों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। जानकारी के मुताबिक दाल व्यापारी दुकान बंद कर के घर पहुंचे ही थे कि लूट के इरादे से पहले से ही मौजूद बदमाशो ने उनसे बैग छीनने का प्रयास किया। इसका विरोध करने पर व्यापारी सुनील को गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर व्यापारी की पत्नी कामनी व बेटा ऋतिक भी बाहर आ गए। बदमाशों ने उनकी पत्नी को भी गोली मार दी। बेटा अंदर की तरफ भागा लेकिन बदमाशों ने घर के भीतर घुस कर उसे भी गोली मार दी। हत्यारे वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए जानकारी मिलने पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुचा खुद एडीजी क्राइम अभय कुमार प्रसाद मौके पर पहुंचे।
तिहरे हत्याकांड की जानकारी मिलते ही पूरा पुलिस अमला व जिलाधिकारी मौके पर पहुंचा इस हत्याकांड के बाद लोगो मे प्रशासन व पुलिस को लेकर भारी नाराजगी दिखी। मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद एडीजी (क्राइम) अभय कुमार प्रसाद मौके पर पहुंचे और मामले का खुलासा जल्द करने की बात कही।
गौरतलब है कि योगी सरकार के सत्ता सँभालते ही प्रशासनिक सख्ती के नाम पर बड़े स्तर पर ट्रांसफर पोस्टिंग कर दिए गए। लेकिन सियासी कुर्सी को अपराधी सलामी देने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं। इलाहाबाद, मेरठ, सहारनपुर, गोरखपुर, लखनऊ के बाद अब सीतापुर। इन सबमे देखें तो बेखौफ अपराधी पुलिसिया तंत्र की पोल खोल रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री के दावे की खुलेआम धज्जिया उड़ा रहे हैं। निजाम बदलने पर ऐसा लगा मानो अब सूबे में राम राज्य आएगा। लेकिन हकीकत उलट दिख रही है। जबकि कानून व्यवस्था के साथ बुनियादी सुविधाओं की बात करें तो हर तरफ नतीजा सिफर ही देखने को मिल रहा है।