कुदरत का क्रोध! वायनाड में दोहराया गया 11 साल पहले हुई त्रासदी का इतिहास

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Wayanad Landslides
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Wayanad Landslides: केरल के वायनाड में मंगलवार को हुए भूस्खलन ने कई लोगों की जान ले ली। 22 हजार की आबादी वाले 4 गांव महज 4 घंटे में पूरी तरह से तबाह हो गए। इस भूस्खलन आपदा से अब तक 156 लोगों की मौत हो चुकी है, राहत कार्य में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें, ये हादसा बिल्कुल 11 साल पहले हुई केदारनाथ त्रासदी जैसा है। इस हादसे में रात को सोए लोगों को जागने का वक्त नहीं मिला और सुबह लाशें ही लाशें मिलीं।

इस त्रासदी में जो गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए उनमें मुंडक्कई, चुरालमाला, अट्टामाला और नूलपुझा शामिल हैं। मुंडक्कई और चुरालमाला के बीच पुल ढहने से भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का संपर्क टूट गया है। ऐसे में मौसम विभाग की ओर से रेड अलर्ट भी जारी किया गया है। अब रेड अलर्ट के कारण हेलीकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर सकते, जिससे राहत कार्यों में दिक्कत आ रही है।

भूस्खलन से प्रभावित चारो गांव में ज्यादातर चाय बगान के मजदूर रहते थे, जिसकी आबादी करीब 22 हजार थी। रात करीब एक बजे जब पहली बार भूस्खलन हुआ तो लोग अपने घरों में सो रहे थे। किसी को बचने या भागने का मौका तक नहीं मिला। इसके बाद दो बार और भूस्खलन हुआ जिससे भारी तबाही हुई। चारों ओर तबाही का भयावह मंजर दिखाई दे रहा था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि समस्या यह है कि मुंडक्कई और चूरलमाल के बीच पुल टूटने से पीछे का पूरा इलाका अलग-थलग हो गया है। करीब 100 मीटर चौड़ी चुन्नरमाला नदी उफान पर है। एनडीआरएफ की एक टीम किसी तरह नदी पार कर दूसरी तरफ पहुंचने में कामयाब रही, जिसके बाद टीम की मदद से अब तक करीब 800 लोगों को बचाया जा चुका है।