आजादी के 75 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी देश को एक नया उपहार देने जा रहे हैं। तब लोकतंत्र का मंदिर माने जाने वाले आज के संसद भवन की तस्वीर बदल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दिल्ली में नए संसद भवन की नींव रखने जा रहे हैं। जो मौजूदा बिल्डिंग से अधिक बड़ी, आकर्षक और आधुनिक सुविधाओं वाली है।
हम आपको बता दें कि इस के निर्माण को फिजूलखर्जी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि जब तक कोई फैसला न सुनाया जाए, तब तक ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ के तहत कोई निर्माण या कुछ भी तोड़फोड़ नही होनी चाहिए और न ही कोई पेड़ काटा जाना चाहिए। अदालत ने सालिसिटर जनरल से कहा कि आपने प्रेस रिलीज जारी कर निर्माण की तारीख तय की है। शिलान्यास से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन आगे कोई कंस्ट्रक्शन नहीं होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार शिलान्यास कार्यक्रम को जारी रख सकती है। इसी के तहत आज आज जब प्रधानमंत्री इसकी नींव रखने जा रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यब सूचना दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि संसद का नया भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा और इसके निर्माण पर कुल 971 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
हम आपको बता दें कि संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और इसके आसपास राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले हरित क्षेत्र में मौजूद सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना को आकार दिया जाएगा। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के दायरे में मौजूद ‘सेंट्रल विस्टा क्षेत्र’ को 2021 तक नया रूप दिया जाना है। जबकि मौजूदा और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक संसद भवन की नई इमारत का निर्माण 2022 तक और तीसरे चरण में सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर समेकित करने के लिये प्रस्तावित समग्र केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक करने का लक्ष्य है। सेंट्र्ल विस्टा परियोजना के तहत नए सचिवालय में 10 भवन बनाए जाएंगे। संसद भवन के ठीक बगल में नया संसद बनाया जाएगा।

एक नजर डालते हैं नए संसद भवन से जुड़ी कुछ खास बातों पर ….
1. पुराने संसद भवन से इतर नई बिल्डिंग में आधुनिक तकनीक, जरुरतों का ध्यान रखा जा रहा है. अगस्त 2019 में मौजूदा लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की ओर से नए संसद भवन का प्रस्ताव रखा गया.
2. प्रस्ताव के मुताबिक, नया संसद भवन 64500 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा, जो चार मंजिला होगा और इसका खर्च 971 करोड़ रुपये आएगा. इस संसद भवन को 2022 तक तैयार किया जाएगा.
3. सभी सांसदों के लिए संसद भवन परिसर में दफ्तर बनाया जाएगा, जिसे 2024 तक तैयार किया जाएगा. नई बिल्डिंग का डिजाइन HCP डिजाइन मैनेजमेंट ने किया है, जो अहमदाबाद से है.
4. इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा किया जाएगा. नई बिल्डिंग में ऑडियो विजुअल सिस्टम, डाटा नेटवर्क फैसिलिटी का ध्यान रखा जा रहा है.
5. नई बिल्डिंग में कुल 1224 सांसदों के बैठने की सुविधा होगी. इनमें 888 लोकसभा चैंबर में बैठ सकेंगे, जबकि राज्यसभा चैंबर में 384 सांसदों के बैठने की सुविधा होगी.
6. भविष्य में अगर सांसदों की संख्या बढ़ती है, तो उसकी जरूरत पूरी हो सकेगी. संसद भवन में देश के हर कोने की तस्वीर दिखाने की कोशिश की जाएगी. नई बिल्डिंग में सेंट्रल हॉल नहीं होगा, लोकसभा चेंबर में ही दोनों सदनों के सांसद बैठ सकेंगे.
7. संसद भवन की मौजूदा बिल्डिंग को एक म्यूजियम के तौर पर रखा जाएगा, उसमें काम भी चलता रहेगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने जानकारी दी थी कि पुराने संसद भवन ने देश को बदलते देखा है, ऐसे में वो भविष्य में प्रेरणा देगा.
8. लोकसभा और राज्यसभा कक्षों के अलावा नए भवन में एक भव्य संविधान कक्ष होगा. जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्पले आदि होंगे.
9. मौजूदा संसद भवन को अंग्रेजों ने बनवाया था, 12 फरवरी 1921 को इसकी नींव रखी गई और 1927 में जाकर ये तैयार हुआ. सर एडवर्ड लुटियंस, सर हॉर्बर्ट बेकर की अगुवाई में संसद भवन की बिल्डिंग तैयार हुई थी जिसे दुनिया के सबसे बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर देखा जाता है. तब इस भवन को बनाने में कुल 83 लाख रुपये का खर्च आया था.
10. नया संसद भवन केंद्र सरकार की योजना सेंट्रल विस्टा के तहत बनाया जा रहा है. जिसमें संसद भवन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन और आसपास के इलाकों का नवीनीकरण किया जाएगा.
पुराने नॉर्थ और साउथ ब्लाक को एक कर म्यूजियम में परिवर्तित किया जाएगा। पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने मौजूदा संसद भवन के विस्तार और नवीनीकरण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी देने की सिफारिश भी की है।