देश में सालभर पहले जीएसटी लागू हुआ था और केंद्र सरकार ने एक जुलाई को इसकी वर्षगांठ भी मनाई। लेकिन जीएसटी में संसोधन का दौर जारी है। जीएसटी कानून में एक बार फिर बड़ा फेरबदल हो रहा है। जीएसटी कानून में 40 से अधिक संशोधन प्रस्ताव है। सरकार ने जीएसटी, सीजीएसटी, एसजीएसटी, इंटीग्रेटेड जीएसटी और राज्यों के कर मुआवजे समेत 46 संशोधनों का प्रस्ताव दिया है। अब जल्द ही कंपनियां अपने कर्मचारियों को खाने-पीने, ट्रांसपोर्ट और इंश्योरेंस जैसी सुविधाओं पर चुकाए जाने वाले जीएसटी पर इनपुट क्रेडिट का लाभ ले सकेंगी। ये उस सूरत में होगा जब जीएसटी अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को संसद और राज्य विधानसभाओं की ओर से अनुमोदित कर दिया जाएगा। इन प्रस्तावों को संसद के मॉनसून सत्र में रखा जाएगा।
21 जुलाई को जीएसटी काउंसिल की बड़ी बैठक हो रही है। इस बैठक में भी कई फैसले संभव है। । सरकार ने जीएसटी कानून में संशोधन को 15 जुलाई 2018 तक संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया मांगी है। । राजस्व विभाग द्वारा संशोधन को अंतिम रूप दिये जाने के बाद उसे जीएसटी परिषद के समक्ष रखा जाएगा। उसके बाद जीएसटी कानून में संशोधन को लेकर उसे संसद और राज्य विधानमंडलों में पेश किया जाएगा।
वहीं सरकार चुनावी साल में जीएसटी को सरल बनाकर व्यापारियों को साधने की कोशिश करेगी। इसी दिशा में कदम उठाते हुए केंद्र आने वाले दिनों में व्यापारियों की असुविधा वाले प्रावधानों को ठंडे बस्ते में डाल सकता है। साथ ही जीएसटी काउंसिल में विपक्षी दलों के शासित राज्यों के वित्त मंत्री कुछ मुद्दों पर मुखर होकर विरोध जता सकते हैं।
—ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन