West Bengal में Calcutta High Court द्वारा राज्य में पटाखे पर बैन लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। Supreme Court ने पश्चिम बंगाल में पटाखा फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मोडरेट एयर क्वालिटी पर ग्रीन क्रैकर का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आदेश सभी राज्यों पर समान रूप से लागू होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार इस बात को सुनिश्चित करे कि बैन पटाखो के आयात पर न हो और न ही जलाए जाएं। कोर्ट ने कहा कि बंगाल राज्य सरकार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर समुचित आदेश जारी कर सकती है। ग्रीन पटाखों के निर्माण और उनकी बिक्री की जगह सुपरविजन और वेरिफिकेशन के लिए भी टीमें तैनात की जा सकती है। साथ ही कहा कि राज्य सरकार जारी गाइड लाइन के पालन को सुनिश्चित करे।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील Siddharth Bhatnagar ने SC में पक्ष रखा
पश्चिम बंगाल में पटाखों के बैन के कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर याचिकाकर्ता के वकील सिद्धार्थ भटनागर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अगर हवा मॉडरेट अच्छी है तो ग्रीन पटाखे जलाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 29 अक्टूबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ किया था कि पटाखों के जलाने पर पूरी रोक नहीं है। ग्रीन पटाखों को जलाया जा सकता है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन नहीं लगाया है सिर्फ उन पटाखों पर रोक लगाई है जो लोगो के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। जबकि कलकत्ता हाइकोर्ट ने पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार बंगाल में पटाखों के जलाने की इजाजत मिलनी चाहिए।
ग्रीन पटाखों के अलावा दूसरे पटाखें भी बनाए जा रहे हैं: गोपाल शंकर नारायण
वरिष्ठ वकील Gopal Shankar Narayan ने कहा कि पटाखा बनाने वाली कंपनियां लगातार ग्रीन पटाखों के अलावा दूसरे पटाखें भी बना रही थी। CBI ने खतरनाक रसायन बेरियम पटाखा बनाने वाली कंपनियों के पास से बरामद किया था। गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि कलकत्ता हाइकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य ने ग्रीन पटाखों की पहचान करने के लिए कोई मैकेनिज़्म तैयार नहीं किया है। दिवाली, छठ पूजा और क्रिसमस के लिए ग्रीन पटाखे और आतिशबाजी बनाने, बेचने और चलाने पर पाबंदी नहीं है। पटाखों पर पाबंदी का आदेश एनजीटी ने दिया था जिसमें ग्रीन पटाखे को ही सशर्त मंजूरी दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी उसे ही गाइड लाइन के साथ जारी किया था।
राज्य में ग्रीन पटाखों को बनाने वाली कोई कंपनी रजिस्टर नहीं: पश्चिम बंगाल सरकार
बंगाल सरकार ने कहा कि हमने व्यवस्था बनाई है। 2018 से इसको लागू किया गया है। 2018 में इस मामले में 24 FIR दर्ज की गई 46 लोगो को गिरफ्तार किया गया। इस महीने 7 FIR दर्ज की गई है और 10 लोगो को गिरफ्तार किया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने कोर्ट को बताया कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार राज्य में ग्रीन पटाखों को बनाने वाली कोई कंपनी रजिस्टर नहीं है।
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