Nithyananda Kailasa: रेप के आरोपी और देश छोड़कर भागने वाले नित्यानंद का देश ‘कैलासा’ इनदिनों चर्चा में बना हुआ है। 2019 में नित्यानंद पुलिस को चकमा देकर देश छोड़ भाग गया था और दावा किया कि उसने अपना एक अलग देश बना लिया है। चर्चा की वजह भी है। दरअसल, ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ कैलासा’का एक प्रतिनिधिमंडल UN में दिखा। ख़बर आई तो विवाद छिड़ गया कि एक काल्पनिक देश का मेंबर आख़िर UN तक कैसे पहुंच गया? ऐसे में आपके मन में कई सवाल आ रहे होंगे कि आखिर भगोड़े नित्यानंद का देश कैलासा कहां है? नित्यानंद कौन है, जिसने अपना अलग देश बनाने का दावा पेश किया है? तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं क्योंकि यहां हम रेप के आरोपी का पूरा तिया-पांचा बता रहे हैं।
Nithyananda का कैलाश कहां है?
कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि नित्यानंद का देश इक्वाडोर के पास एक द्वीप पर बसा हुआ है। हालांकि, इक्वाडोर की सरकार ने बताया था कि नित्यानंद देश में नहीं है। रिपोर्ट में बताया जाता है कि नित्यानंद ने इक्वाडोर के तट पर एक द्वीप खरीदा, जहां वह ‘कैलासा’ स्थापित करने का दावा करता है, लेकिन इसके फोटोज मिलना मुश्किल है। इस देश का सही ठिकाना कोई नहीं जानता लेकिन उनके फॉलोअर्स की सोशल मीडिया पर वर्चुअल मौजूदगी है जहां वे अपने देश में हो रही घटनाओं के बारे में अपडेट पोस्ट करते रहते हैं।
नित्यानंद कौन है?
नित्यानंद एक स्वयंभू संत है जिस पर बलात्कार और अपहरण का आरोप है। नित्यानंद 2019 में भारत से भाग गया और एक साल बाद अपना देश स्थापित करने के दावे के साथ सामने आया।

यूएन मीट में ‘कैलासा’ प्रतिनिधि के बारे में सबकुछ
विजयप्रिया नित्यानंद उन प्रमुख सदस्यों में से एक थीं, जो ‘कैलासा’ के यूएन डेब्यू का चेहरा बनीं। सभी महिला प्रतिनिधिमंडल की तस्वीरें नित्यानंद ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की थीं। उसके फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार, वह वाशिंगटन, डीसी में रहती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई तस्वीरों में विजयप्रिया को अपने दाहिने हाथ पर नित्यानंद के एक बड़े टैटू के साथ दिखाया गया है। कैलासा के प्रतिनिनिधि विजयप्रिया नित्यानंद ने दावा किया कि कैलासा प्राचीन हिंदू नीतियों और स्वदेशी समाधानों को लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां आजीविका की बुनियादी आवश्यकताएं- भोजन, आश्रय, कपड़े, शिक्षा, चिकित्सा देखभाल सभी नागरिकों को मुफ्त में दी जाती हैं। नित्यानंद का दावा है कि उसने कैलासा के लिए अलग करेंसी जारी किया साथ ही एक रिजर्व बैंक के स्थापना की भी बात कही गई है।
कैलासा को नहीं मिली है राष्ट्र के रूप में मान्यता
बहरहाल इस ‘कैलासा’ का नाम तिब्बत में कैलाश पर्वत के नाम पर रखा गया है, जिसे हिंदुओं का पवित्र तीर्थ-स्थान माना जाता है। हाल ही मे मशहूर हुए इस काल्पनिक देश की वेबसाइट के मुताबिक ‘कैलासा’ एक आंदोलन है। जिसकी स्थापना कनाडा, अमेरिका और दूसरे देशों के हिंदू धर्म के शैव अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा की गई है। बता दें कि नित्यानंद स्वामी का दावा है कि उसने कैलासा के लिए अलग करेंसी जारी किया। साथ एक रिजर्व बैंक के स्थापना की भी बात कही गई है।
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