पाक की नापाक फायरिंग में 23 साल से भी कम उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले कैप्टन कपिल कुंडू का मानना था कि जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए। उन्होंने अपने फेसबुक के स्टेटस में आनंद फिल्म का ये मशहूर डॉयलॉग लिखा था। उनका फेसबुक स्टेटस था, ‘जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए।’ 23 साल में ही कैप्टन कुंडू वाकई बड़ी जिंदगी जी गए। जिस पर आज पूरे देश को उन पर नाज है। कुछ अपने इसी फलसफे की वजह से आज देश के हीरो बन गए।रविवार को राजौरी में सीमा पार से फायरिंग में कैप्टन कुंडू शहीद हो गए लेकिन उन्होंने देश का सिर को झुकने नहीं दिया।कैप्टन कपिल कुंडू 5 दिन के बाद ही अपना 23वां बर्थडे मनाने वाले थे। 10 फरवरी को उनका 23वां जन्मदिन था। हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले कैप्टन अपनी मां के इकलौते बेटे और अपनी बहन के इकलौते भाई थे। पहले ही पिता का साया सिर से उठ चुका था लेकिन सिर से पिता का साया उठने के बाद भी उनकी मां सुनीता ने उन्हें देश सेवा के लिए फौज में भेजने का साहसिक फैसला किया।मां की आंखे आज नम जरूर है लेकिन उसमें गर्व है अपने बेटे के देश के काम आने का। देश आज कैप्टन कुंडू के साथ-साथ इस मां को भी सलाम कर रहा है जिसने अपने पति को खोने के बाद भी अपने इकलौते बेटे को देश की सेवा के लिए भेज दिया।
आज से ढाई साल पहले 2015 में ही कैप्टन कुंडू ने सेना को ज्वाइन किया था लेकिन इतने कम वक्त में ही उन्होंने अपना दम खम दिखा दिया।कैप्टन कपिल कुंडू जहां भी रहे वहां हमेशा सबसे आगे रहे। भीड़ में छिपना उन्होंने जाना ही नहीं। हिम्मत और साहस के लिए वो अपने दोस्तों के बीच पहचाने जाते थे।बात स्कली दिनों की हो या सेना में बिताए दिनों की, हर जगह सबसे आगे रहते थे कैंप्टन कुंडू।
जिस तरह कैप्टन कुंडू थे उसी तरह उनके आदर्श भी थे.. कैप्टन कुंडू के हीरे राजपूताना राइफल्स के अफसर उमर फैयाज थे जिनकी हत्या आतंकवादियों ने 23 साल की उम्र में कर दी थी। ये अजीब संयोग है कि अपने आदर्श उमर फैयाज की तरह ही कैप्टन कपिल कुंडू भी 23 साल की उम्र में देश के लिए कुर्बान हो गए।
कैप्टन कपिल कुंडू समेत चार जवानों की शहादत से पूरा देश सदमें में है लेकिन गर्व भी है कि देश के इन सपूतों ने देश की रक्षा के लिए खुद को कुर्बान कर दिया
-ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन