कांग्रेस अपनी धुर विरोधी बीजेपी से लड़ने की हरसंभव रणनीति बना रही है।राहुल गांधी ने सभी कांग्रेसियों से बीजेपी के खिलाफ एकता पर बल दिया है।जिससे केंद्र और कई राज्यों में खोई सत्ता पर कांग्रेस फिर पकड़ बना सके।लेकिन देहरादून में जो हुआ उससे ये साफ हो गया कि कांग्रेस अपनी धुर विरोधी बीजेपी से क्या और कैसे लड़ेगी जब उसके नेता और कार्यकर्ता आपस में एक दूसरे को पटकने में जुटे हैं।
बीजेपी से नहीं, आपस में भिड़े कांग्रेस नेता
ये तस्वीरें किसी अखाड़े की नहीं है।जहां सफेद पैंट, शर्ट और टोपी लगाए कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में ही एक दूसरे से हाथापाई करने लगे वो भी बीच बाजार में लोगों के बीच।जैसे कि कांग्रेस ने कोई कुश्ती प्रतियोगिता रखी हो।और तो और आपस में भिड़े कांग्रेसी नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ खूब अपशब्द कहे और पागल तक करार दिया।
कांग्रेस सेवा दल के वरिष्ठ पदाधिकारियों की अभद्रता
मौका था देहरादून में अगस्त क्रांति को लेकर कांग्रेस में तिरंगा यात्रा का।इस मौके पर कांग्रेस सेवा दल के लोग कांग्रेस भवन से देहरादून के गांधी पार्क तक एक साथ गए।तभी अचानक कांग्रेस सेवा दल की तिरंगा यात्रा में नेता आपस में ही लड़ने लगे और जमकर धक्कामुक्की की।कांग्रेस सेवा दल के के नेताओं के बीच गांधी पार्क में दिये गये भाषण को लेकर कुछ कहासुनी हुई, इसके बाद छोटी सी कहासुनी हाथापाई में तब्दील हो गई।
बुजुर्ग कांग्रेसियों का तमाशा, छोड़े हाथ, की अपशब्दों की बौछार
सेवा दल के वरिष्ठ पदाधिकारी कुंवर यादव जिनकी उम्र लगभग 60 साल से ऊपर है एकाएक सेवा दल के दूसरे कार्यकर्ता से जा भिड़े।इस हाथापाई में सेवा दल के ही कुछ लोगों ने बीचबचाव किया।आखिर में बड़ी मुश्किल से दोनों को अलग-थलग किया गया।लेकिन तब तक उत्तराखंड कांग्रेस सेवा दल के नेताओं में फैली भयंकर गुटबाजी का सरेबाजार तमाशा बन चुका था।जिसने भी इसे देखा वह इन्हें कोसते ही नजर आये।
सड़क पर खोली कांग्रेस पोल, क्या करेंगे राहुल?
ऐसे में सवाल यही कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन अनुशासनहीन कांग्रेस सेवा दल के नेताओं का क्या इलाज करेंगे जो सत्तासीन बीजेपी का मुकाबला करने की बजाय रोड पर ही एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं, जिससे सिवाय फजीहत के कुछ हाथ नहीं लगनेवाला।यानि एक तो सत्ता हाथ से गई ऊपर से हाथापाई।इसे कोढ़ में खाज कहे या कुछ और ये जनता तय करे।
मयंक सिंह एपीएन