काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) और ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) आज फैसला सुना सकती है। कोर्ट में वाराणसी सिविल कोर्ट द्वारा 8 अप्रैल को दिए गए फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल गई है।
वाराणसी सिविल कोर्ट ने 8 अप्रैल को फैसला देते हुए मस्जिद परिसर के ASI सर्वेक्षण को मंजूरी दे थी। अब इस पर हाई कोर्ट आज फैसला सुनाएगा।
अंजुमन इन्तेजामियां कमेटी (Anjuman Intejamian Committee) और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट (High Court) में एक याचिका लगाकर मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India-ASI) के सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग की थी। जिसके बाद वाराणसी के सिविल जज ने 8 अप्रैल 2021 को मस्जिद परिसर का ASI सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि इस विवादित मस्जिद के नीचे ज्योतिर्लिंग है। यही नहीं ढांचे की दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र भी प्रदर्शित है। दावा किया जाता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर को औरंगजेब (Aurangzeb) ने 1664 में नष्ट कर दिया था। फिर इसके अवशेषों से मस्जिद बनवाई गई, जिसे मंदिर की जमीन के एक हिस्से पर ज्ञानवापसी मस्जिद के रूप में जाना जाता है।
काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले में 1991 में वाराणसी कोर्ट में एक मुकदमा दाखिल हुआ था। इस याचिका कि जरिए ज्ञानवापी में पूजा की अनुमति मांगी गई। लेकिन कुछ ही दिनों बाद मस्जिद कमेटी ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (Places of Worship Act) 1991 का हवाला देकर इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1993 में स्टे लगाकर आदेश दिया। हालांकि स्टे ऑर्डर की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और फैसले के बाद 2019 में वाराणसी की कोर्ट में फिर से इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई।
Fast Track Court ने यह दिया था फैसला
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में 8 अप्रैल को फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) ने अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने सर्वेक्षण को मंजूरी देते हुए कहा था कि सर्वेक्षण का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। साथ ही केंद्र के पुरातत्व विभाग के 5 लोगों की टीम बनाकर पूरे परिसर का अध्यन करने निर्देश दिया गया था।
विश्वनाथ मंदिर के अवशेषों से ही ज्ञानवापी मस्जिद का हुआ निर्माण
याचिकाकर्ता ने दावा दिया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के अवशेषों से ही ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हुआ था। साल 1991 से चल रहे इस विवाद में 2 अप्रैल को सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) के सिविल जज ने दोनों पक्षों की सर्वेक्षण के मुद्दे पर बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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