बीएसएफ जवान तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला द्वारा अपने पति से कोई संपर्क न हो पाने का हवाला देते हुए उसकी खोज खबर के लिए उच्च न्यायालय में दायर की गई अपील को अदालत ने आज स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए तेजबहादुर की पत्नी शर्मीला को तेज से मिलने की इजाजत दे दी है। साथ ही कोर्ट ने बीएसएफ को उनका पता और फ़ोन नंबर उपलब्ध कराने का आदेश भी दिया है। इससे पहले कोर्ट में बीएसएफ ने जवाब दाख़िल करते हुए उनके तबादले की बात कही थी। तेज बहादुर के परिजनोंने दावा किया था कि उनका उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसकी सफाई देते हुए बीएसएफ डीजी ने तेज बहादुर के बारे में बोलते हुए उसके सांबा में होने की बात कही थी।
तेजबहादुर का परिवार उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करता रहा है। परिवार का कहना है कि तेज बहादुर ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का जो आवेदन किया था उसे भी अस्वीकार कर दिया गया था। उसके लापता होने के बारे में परिवार ने बीएसएफ के महानिदेशक को भी पत्र लिखा है। उनकी ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। परिवार का कहना है कि तेजबहादुर की पत्नी ने 7 फरवरी को आखिरी बार अपने पति से मोबाइल पर बात की थी। उसके बाद से उसका मोबाइल भी बंद है। कोई भी उसके बारे में कुछ बताने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए उन्होंने थक हारकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
तेज़ बहादुर वही जवान है जिसने घटिया खाने की शिकायत को लेकर एक विडियो जारी किया था। इस विडियो के वायरल होने के बाद जम कर बवाल मचा था। आनन-फानन में जाँच के आदेश दे दिए गए थे। बीएसएफ के डीजी के के शर्मा ने अपने हाल ही में दिए बयान में मान भी लिया है कि बीएसएफ जवानों के मेस फंड में गड़बड़ियां हो रही हैं। सब ठीक नहीं है और वे इस मामले की जांच कराएंगे, ताकि सच की तह तक पहुंचा जा सके। तेज बहादुर ने इसी मामले में बोलते हुए कहा था कि उसके पास घोटालों के सबूत हैं। अगर मीडिया से बात करने की इज़ाज़त दी जाये तो वह खुलासा कर सकता है। हालांकि किरकिरी से बचने और आतंरिक जाँच का हवाला देकर तेज बहादुर को ऐसा नहीं करने दिया गया था।