तहलका मैगजीन के पूर्व संपादक रहे तरुण तेजपाल को गोवा सेशन कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पिछले 8 सालों से रेप का आरोप झेल रहे तरुण को गोवा की सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया है। इस खबर के सामने आते ही गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बयान जारी कर कहा है कि, इस फैसले को हम चुनौती देंगे।
तहलका मैगजीन के एडिटर- इन- चीफ तरुण तेजपाल के खिलाफ गोवा पुलिस ने साल 2013 में बलात्कार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इनपर अपनी सहकर्मी के साथ लिफ्ट में रेप करने का आरोप लगा था। एफआईआर के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। गोवा पुलिस ने फरवरी 2014 में उनके उनके खिलाफ 2846 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। साल 2014 से ही तरुण बेल पर बाहर हैं। आज गोवा कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है।
तरुण तेजपाल पर साथी महिला पत्रकार ने आरोप लगाया था कि गोवा में तहलका का एक इवेंट था, उस रात जब वह एक गेस्ट को उसके कमरे तक छोड़ कर वापस लौट रही थी, तो इसी होटल के ब्लॉक 7 के एक लिफ्ट के सामने उसे उसके बॉस तरुण तेजपाल मिल गए। तेजपाल ने गेस्ट को दोबारा जगाने की बात कह अचानक उसे वापस उसी लिफ्ट के अंदर खींच लिया.
गोवा पुलिस के अनुसार पीड़िता ने बयान दिया था कि, लिफ्ट में खीचने के बाद तरुण ने लिफ्ट की बटन को कुछ इसतरह दबाना शुरू किया कि, ना तो लिफ्ट चल रही थी ना ही रुक रही थी। उसके बाद जो हुआ उसने उस लड़की की जिंदगी बदल दी।
बता दें कि, पत्रकार तरुण तेजपाल पर आईपीसी की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला.