राफेल के मुद्दे पर एनसीपी चीफ शरद पवार द्वारा मोदी सरकार का समर्थन किए जाने की वजह से पार्टी और लोकसभा से इस्तीफा देने वाले बिहार के कटिहार से सांसद इस्तीफा दे चुके हैं। तारिक अनवर ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी में शामिल करवाया। तारिक अनवर पांच बार बिहार के कटिहार से सांसद रह चुके हैं। राफेल के मुद्दे पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि लोगों को राफेल सौदे में प्रधानमंत्री की मंशा पर ‘कोई संदेह नहीं है।’ एनसीपी चीफ के इस बयान से तारिक अनवर नाराज थे, जिसके बाद उन्होंने पार्टी से अलग होने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने पहले ही कहा था कि उनका जो भी कदम होगा वह बीजेपी के खिलाफ होगा।
शनिवार को दिल्ली में राहुल गांधी ने तारिक अनवर को कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा, अशोक गहलोत समेत कई बड़े दिग्गज कांग्रेसी नेता मौजूद थे। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी तारिक अनवर का कांग्रेस परिवार में स्वागत करते हैं।
Congress President @RahulGandhi welcomes Shri @itariqanwar into the Congress family. pic.twitter.com/N54VkAQpJJ
— Congress (@INCIndia) October 27, 2018
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा था कि ‘मेरी नाराजगी राफेल को लेकर पार्टी से है। देश में राफेल घोटाला हुआ, लेकिन जो पवार साहब (शरद पवार) का बयान आया वह ठीक नहीं था। एनसीपी की तरफ से जो सफाई दी गई वो सही नहीं थी। पवार ने जब बयान दिया था तो खुद उनको सफाई देनी चाहिए थी। हालांकि उनकी तरफ से खुद कोई सफाई नहीं आई तो मैंने इस्तीफा दे दिया। एनसीपी छोड़ने के बाद से लगातार सवाल उठ रहे थे कि तारिक अनवर किस पार्टी में जाएंगे। हालांकि यही कयास लगाए जा रहे थे कि वो फिर से कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। बिहार में कांग्रेस अपने आधार को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है, लेकिन पार्टी के पास राज्य में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। ऐसे में तारिक अनवर को अपना राजनीतिक भविष्य कांग्रेस में सेफ नजर आ रहा है। वो ‘घर वापसी’ कर बिहार में कांग्रेस का बड़ा चेहरा बनना चाहते है।
एनसीपी छोड़ने का निर्णय उन्होंने बहुत पहले से ही कर लिया था। एनसीपी में उनके और पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल के बीच रिश्ते बेहतर नहीं रहे हैं। 2014 के चुनाव के बाद से दोनों नेताओं के बीच कई बार पार्टी की बैठकों में अलग-अलग विचार रहते थे। कांग्रेस में राहुल गांधी के कद बढ़ने के बाद से ही तारिक अनवर ‘घर वापसी’ करने के जुगत में थे। तारिक अनवर कांग्रेस में वापसी की राह 2016 से ही तलाश रहे थे। नोटबंदी के बाद राहुल गांधी जब पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस करने उतरे थे, तब तारिक अनवर देर से पहुंचे थे। ऐसे में राहुल ने अपने बगल में बैठे ज्योतिरादित्य सिंधिया से तारिक अनवर के लिए सीट छोड़ने को कहा था। इस घटना के बाद से राहुल से उनकी नजदीकियां बढ़ीं।