Swami Prasad Maurya: पिछले दिनों बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। अभी उनके इस टिप्पणी पर विवाद थमा भी नहीं था कि यूपी में समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकबास बताकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने इसे बैन कर देने तक की मांग कर डाली है। अब फिर से देश में रामचरितमानस को लेकर विवाद होने लगा है।

Swami Prasad Maurya- कई करोड़ लोग नहीं पढ़ते रामचरितमानस
रामचरितमानस को लेकर सपा नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है “धर्म कोई भी हो, हम उसका सम्मान करते हैं लेकिन धर्म के नाम पर जाति विशेष, वर्ग विशेष को अपमानित करने का काम किया गया है, हम उस पर आपत्ति दर्ज कराते हैं।” स्वामी प्रसाद ने आगे कहा “कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। इसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है।” स्वामी प्रसाद ने कहा “सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।”
हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ के खिलाफ बोलना बन गया है फैशन-गिरिराज सिंह
वहीं, रविवार को केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह पटना में थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए रामचरितमानस पर हुए विवाद पर अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा “जैसे भागवत गीता हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ है वैसे ही कुरान मुस्लिमों का पवित्र ग्रंथ है। कुरान को लेकर कोई कुछ नहीं बोलता है क्योंकि सर तन से जुदा कर दिया जाता है।” गिरिराज सिंह ने आगे कहा “हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ के खिलाफ बोलना आज के समय में फैशन बन गया है।”
क्या कहा था बिहार के शिक्षा मंत्री ने?
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने गत दिनों रामचरितमानस को लेकर टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने इसे नफरत फैलाने वाला बताया था। शिक्षा मंत्री ने कहा था “मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स… ये किताबें ऐसी किताबें हैं जो नफरत फैलाती हैं। नफरत से देश महान नहीं बनेगा, प्यार देश को महान बनाएगा।” प्रो. चंद्रशेखर ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां की थी।
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