बालाजी फाउंडेशन द्वारा आयोजित स्वदेश कॉन्क्लेव 2025 का भव्य आयोजन भारत मंडपम, नई दिल्ली में किया गया। इस वर्ष की थीम है– “Transforming Bharat”। इस आयोजन में भारत की सामूहिक दृष्टि और भविष्य की दिशा को एक साझा मंच पर प्रस्तुत किया गया, जिसमें नीति-निर्माताओं, उद्योगपतियों, शिक्षाविदों, मीडिया हस्तियों, कलाकारों, सामाजिक नेताओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी रही।
कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह ने कहा कि एक आदमी को जब भी कानूनी समस्या से दो चार होना पड़ता है। तो उसके आगे सबसे बड़ी चुनौती जागरूकता की कमी या जानकारी न होना आती है। जब तक लोगों को कानूनी जानकारी नहीं होगी, जागरूकता नहीं होगी, अदालत कैसे काम करती है ये नहीं पता होगा तो वह न्याय नहीं पा सकता है। उदाहरण के लिए नालसार आज इसी तरह की जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है। भारत में न्याय व्यवस्था में एआई को आने में लंबा समय है। डिजिटल तकनीक से आज आम आदमी वकील तक पहुंच जाता है। आज वकील भी पहले मध्यस्थता कराते हैं। ये काम भी ऑनलाइन हो जाता है। आज याचिका भी डिजिटल तकनीक की मदद से अच्छे से लिखी जाती हैं। वर्तमान समय में केस ऑनलाइन फाइल हो जाता है। युवा वकील को पढ़ने में डिजिटल तकनीक मददगार है। अब भारत में भी कई अदालतों पेपरफ्री हो गई हैं। National Judicial Data Grid से आपको केस की जानकारी मिल जाती है। तकनीक में विकास से न्याय व्यवस्था में भी तेजी आई है।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि पहले दुनिया की राजनीति तेल पर टिकी होती थी लेकिन आज उसकी जगह सेमीकंडक्टर ने ली है। आज चिप हर चीज में है। आज युवाओं को सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़ने की जरूरत है। आज एआई हम सबकी जिंदगी में अहम भूमिका निभा रहा है। तकनीक का उद्देश्य हर नागरिक को तरक्की की राह पर लाना है।
स्वदेश कॉन्क्लेव 2025 में एआई विशेषज्ञ डॉ. विदुषी चतुर्वेदी ने कहा कि एआई इंसानों का मशीनीकरण कर रहा है और मशीन को इंसान बना रहा है। एआई पूरी दुनिया बदल रहा है। आज हमें योगदान करने की जरूरत है कि हम एआई क्षेत्र में क्या कर सकते हैं।
समाजसेवी कुसुम कंडवाल भट्ट ने कहा कि एआई बहुत सी चीजें साफ हो चुकी हैं। आने वाले समय में महिलाएं सशक्त हो जाएंगी। इसके अलावा तकनीक की मदद से उन बच्चों को खोजने में मदद मिलेगी जो अपने माता पिता से किसी वजह से दूर हो जाते हैं। निश्चित तौर पर आने वाले समय में एआई और तकनीक हमको बहुत से फायदे पहुंचाने वाला है।
आयोजति कॉन्क्लेव में के.पी. महादेवस्वामी (सीएमडी, एनबीसीसी),इसरो के पूर्व चेयरमैन एस. सोमनाथ,अजीम आलम , झूमा दत्ता (कलाकार और फ़ोटोग्राफ़र), पद्म श्री प्रह्लाद सिंह टिपानिया को स्वदेश सम्मान से सम्मानित किया गया। बता दें कि स्वदेश सम्मान उन व्यक्तियों को सम्मानित करता है जिनकी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ सकारात्मक बदलाव की प्रेरणा देती हैं।