दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते स्ट्रे डॉग्स और डॉग बाइट्स के मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम आदेश जारी किया। कोर्ट ने साफ कहा कि पकड़े गए कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें उसी इलाके में छोड़ा जाए, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। हालांकि, हिंसक या रेबीज संक्रमित कुत्तों को सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा।
कोर्ट ने क्या-क्या आदेश दिए?
- शेल्टर होम भेजे गए सभी स्वस्थ कुत्तों को छोड़ा जाएगा, लेकिन बीमार या हिंसक कुत्तों को वहीं रखा जाएगा।
- अगर कोई व्यक्ति कुत्तों को पकड़ने की कार्रवाई में बाधा डालता है तो उस पर जुर्माना लगेगा – व्यक्ति विशेष पर ₹25,000 और NGO पर ₹2 लाख।
- सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर बैन लगाया है। अब कुत्तों के लिए अलग से तय जगहों पर ही भोजन कराया जाएगा।
- नगर निगम की जिम्मेदारी होगी कि कुत्तों को पकड़कर टीकाकरण और दवाएं देने के बाद उन्हें वापस उसी जगह छोड़ा जाए।
3 जजों की बेंच ने सुनाया फैसला
जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एनवी अंजारिया की तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने यह फैसला सुनाया। इससे पहले दो जजों की बेंच ने कुत्तों को शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया था, जिस पर डॉग लवर्स ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद तीन जजों की बेंच गठित की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के पहले के निर्देश
- दिल्ली-NCR से जल्द से जल्द आवारा कुत्तों को उठाने का निर्देश।
- पकड़े गए कुत्तों का पूरा रिकॉर्ड शेल्टर होम में बनाए रखने का आदेश।
- डॉग शेल्टर में नसबंदी और टीकाकरण के लिए पर्याप्त स्टाफ की तैनाती।
- यह सुनिश्चित करने के लिए CCTV निगरानी कि कोई कुत्ता अवैध रूप से छोड़ा न जाए।
- डॉग बाइट पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन शुरू करने का आदेश।
डॉग बाइट्स का alarming डेटा
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि साल 2024 में देशभर में 37.15 लाख डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए, यानी हर रोज लगभग 10,000 लोग शिकार बने। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में 305 लोगों की मौत कुत्तों के काटने से हुई थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि जहां एक ओर इंसानों की सुरक्षा जरूरी है, वहीं दूसरी तरफ आवारा कुत्तों के जीवन के प्रति भी संवेदनशीलता और सहानुभूति रखी जाएगी।