अब पैन को आधार से जोड़े इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए पैन कार्ड को आधार से लिंक कराना अनिवार्य है। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि इस मामले में कोर्ट पहले ही निर्णय सुना चुकी है और उसने इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139एए को बरकरार रखा है। कोर्ट का यह निर्देश दिल्ली हाईकोर्ट के एक निर्णय के खिलाफ केंद्र की याचिका पर आया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने श्रेया सेन और जयश्री सतपुते को 2018-19 के लिए बिना आधार और पैन लिंक कराए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का आदेश दिया था।
बेंच ने कहा, हाईकोर्ट ने अपना फैसला इस तथ्य के मद्देनजर दिया था कि यह मामला हमारी अदालत में लंबित है। इसके बाद हमारी अदालत ने यह तय किया कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139एए को बरकरार रखा जाए। ऐसे में पैन को आधार से लिंक कराना जरूरी है।
बेंच ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक ही वित्त वर्ष 2018-19 के लिए याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर रिटर्न फाइल किया था और उनके रिटर्न का आकलन भी हो चुका है। ऐसे में अब हम यह साफ करना चाहते हैं कि 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न उन शर्तों के आधार पर ही फाइल किए जाएंगे, जो हमारी अदालत ने तय की हैं।” याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट को बताया था कि आदेश के बावजूद और कई कोशिशें करने के बाद भी हम वे अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग के दौरान आधार नंबर या आधार इनरोलमेंट नंबर उपलब्ध ना कराने का विकल्प ही नहीं था।
26 सितंबर 2018 को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आधार को संवैधानिक तौर पर वैध करार दिया था, लेकिन अदालत ने यह भी कहा था कि बैंक खातों, मोबाइल फोन और एडमिशन के दौरान आधार नंबर देना जरूरी नहीं है। पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा था- आईटी रिटर्न फाइल करने और पैन अलॉटमेंट के लिए आधार जरूरी रहेगा, लेकिन बैंक खातों से इसे लिंक करना जरूरी नहीं है। टेलिकॉम सर्विस प्रदाता आधार को मोबाइल से लिंक को आवश्यक नहीं कर सकते।