Supreme Court ने गुरुवार को भगोड़े कारोबारी Vijay Mallya को अवमानना मामले में अपना पक्ष रखने के लिए दो सप्ताह का अंतिम मौका दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर वो ऐसा करने में विफल रहता है तो अदालत मामले को तार्किक निष्कर्ष (Logical Conclusion) पर ले जाएगी। गुरुवार को इस मामले में सुनवाई न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने की। कोर्ट ने अवमानना मामले को स्थगित कर दिया है और अब मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।

अदालत ने एमिकस क्यूरी और मामले में कोर्ट की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता Jaideep Gupta की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि सजा के मुद्दे पर माल्या को मामले में अपना पक्ष रखने का आखिरी मौका दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने माल्या को आखिरी मौका देते हुए कहा कि यह अंतिम अवसर होगा और यदि वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं रहना चाहते हैं और वकील के माध्यम से अग्रिम प्रस्तुतियां करते हैं तो अदालत मामले को आगे बढ़ा सकती है।
Vijay Mallya अदालत की अवमानना का है दोषी

दरअसल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए कर्ज को न चुकाने के मामले में विजय माल्या 2017 में दोषी करार दिया जा चुका है। बता दें कि 14 जुलाई, 2017 को दिए गए एक फैसले के अनुसार माल्या को बार-बार निर्देशों के बावजूद बैंकों को 9,000 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं करने के लिए अवमानना का दोषी पाया गया था।

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