ED के निदेशक संजय कुमार मिश्रा 31 जुलाई तक छोड़ें अपना पद, Supreme Court का निर्देश

Supreme Court: साल 2018 में ED निदेशक बने संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 2020 में खत्म हो रहा था, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें 1 साल का सेवा विस्तार दिया। एनजीओ कॉमन कॉज ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

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supreme Court on ED Director Sanjay kumar Mishra
supreme Court on ED Director Sanjay kumar Mishra

Supreme Court: प्रवर्तन निदेशालय यानी ED के निदेशक संजय कुमार मिश्रा (Sanjay Kumar Mishra) को 31 जुलाई तक अपने पद से हटना होगा। उनका कार्यकाल बढ़ाने वाले केंद्र सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अवैध करार दिया है।शीर्ष अदालत ने कहा, “हमने 2021 में ही आदेश दिया था कि मिश्रा का कार्यकाल आगे न बढ़ाया जाए। फिर भी कानून लाकर उसे बढ़ाया गया।

इस लिहाज से उनका कार्यकाल बढ़ाने के आदेश अवैध था। वह 31 जुलाई तक अपने पद पर बने रह सकते हैं। इस दौरान केंद्र सरकार नए निदेशक का चयन कर ले।”साल 2018 में ED निदेशक बने संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 2020 में खत्म हो रहा था, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें 1 साल का सेवा विस्तार दिया। एनजीओ कॉमन कॉज ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

Supreme Court on Enforcement Directorate update today
Enforcement Directorate.

Supreme Court: केंद्र सरकार 14 नवंबर 2021 को लाई थी अध्यादेश

ED Dire Sanjay Kumar Mishra 2 min
प्रवर्तन निदेशालय यानी ED के निदेशक संजय कुमार मिश्रा (Sanjay Kumar Mishra) को 31 जुलाई तक अपने पद से हटना होगा।

Supreme Court: 8 सितंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मिश्रा का विस्तारित कार्यकाल 18 नवंबर को खत्म हो रहा है इसलिए अब इसमें दखल नहीं दिया जाएगा। इसके आगे उनका कार्यकाल न बढ़ाया जाए।सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटते हुए केंद्र सरकार 14 नवंबर 2021 को एक अध्यादेश ले आई। इसके तहत ED निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने की व्यवस्था की गई। इसी आधार पर मिश्रा को फिर से 1 साल का कार्यकाल दिया गया।
नवंबर 2022 में यह अवधि पूरी होने पर उन्हें एक बार और 1 साल का सेवा विस्तार दिया गया। जबकि इस साल 18 नवंबर 2023 में उन्हें पद पर रहते हुए 5 साल पूरे हो रहे थे। कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें 31 जुलाई को अपने पद से हटना होगा।

Supreme Court: कई नेताओं ने दी थी चुनौती

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई याचिकाकर्ताओं ने कानून को मनमाना बताते हुए याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले मनमानी शक्ति खुद को लेने वाला अध्यादेश पारित किया।इसके बाद बिना चर्चा और वोटिंग के इस पर संसद में कानून पास कर लिया गया। सरकार ने बदले हुए कानून के तहत आदेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी पलट दिया गया।

Supreme Court: कोर्ट ने सीवीसी एक्ट में बदलाव को सही ठहराया

Supreme Court on ED Director Sanjay Kuma Mishra
Supreme Court on ED Director Sanjay Kuma Mishra

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, विक्रम नाथ और संजय करोल की बेंच ने CBI से जुड़े दिल्ली पुलिस स्पेशल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट और ED से जुड़े सीवीसी एक्ट में बदलाव को सही करार दिया। जजों ने कहा कि बदलाव संवैधानिक तरीके से किया गया है लेकिन मौजूदा ED निदेशक के सेवा विस्तार को सही नहीं ठहराया जा सकता है।
जजों ने यह भी कहा कि CBI और ED निदेशक की नियुक्ति एक कमिटी के जरिए की जाती है। उन्हें सेवा विस्तार देने का फैसला देते समय भी वैसी ही प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।

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