सुप्रीम कोर्ट ने इस साल दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की सीमित बिक्री और उपयोग की अनुमति दे दी है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यह छूट केवल परीक्षण के तौर पर दी जा रही है और इसका पालन सख्ती से किया जाएगा। पर्यावरण की निगरानी के साथ-साथ कोर्ट के दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियां सक्रिय रहेंगी। अधिकारियों के अनुसार, केवल नीरी (NEERI) और पीईएसओ (PESO) द्वारा प्रमाणित क्यूआर कोड वाले हरित पटाखों की ही बिक्री और उपयोग की अनुमति होगी।
दिवाली के बाद क्या होंगे नियम
अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि अस्थायी बिक्री लाइसेंस के लिए प्राप्त आवेदनों पर दो दिनों के भीतर कार्रवाई की जाए, ताकि तैयारी समय पर पूरी हो सके। दिवाली के बाद खुदरा विक्रेताओं को बिना बिके पटाखों को वापस करने या सुरक्षित रूप से नष्ट करने के लिए दो दिन का समय दिया जाएगा। दिल्ली में करीब 140 प्रमाणित विक्रेताओं को इस बार अस्थायी रूप से पटाखे बेचने की अनुमति मिलेगी।
दिल्ली सरकार ने पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में कई उच्च स्तरीय बैठकें की हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के पालन की रणनीति पर चर्चा की गई। सिरसा ने लोगों से अपील की है कि वे केवल क्यूआर कोड वाले ग्रीन पटाखे ही खरीदें। उनका कहना है, “किसी भी गैर-प्रमाणित पटाखे को ज़ब्त कर लिया जाएगा और संबंधित विक्रेता का लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा।”
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस
- ग्रीन पटाखों की बिक्री 18 से 20 अक्टूबर तक ही की जा सकेगी।
- दिवाली के दो दिन — 19 और 20 अक्टूबर — को सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे जलाने की अनुमति होगी।
- केवल नीरी द्वारा प्रमाणित ग्रीन पटाखे, जो पारंपरिक पटाखों की तुलना में लगभग 30% कम प्रदूषण फैलाते हैं, का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- पटाखे बेचने की अनुमति सिर्फ उन्हीं व्यापारियों को होगी जिनके पास मान्य या नवीनीकृत लाइसेंस हैं।
क्या रहेगा पूरी तरह प्रतिबंधित
- पारंपरिक, बेरियम या उच्च उत्सर्जन वाले पटाखे पूरी तरह बैन रहेंगे।
- पटाखों की “लड़ी” या सीरीज़ फायरवर्क्स पर भी रोक जारी रहेगी।
- ऑनलाइन बिक्री — जैसे Amazon या Flipkart — के जरिए पटाखों की खरीदारी पर प्रतिबंध है।
- बिना लाइसेंस सड़क किनारे बिक्री पूरी तरह निषिद्ध है।
- दिल्ली-एनसीआर के बाहर से लाए गए पटाखों की अनुमति नहीं होगी।
सख्ती से होगा पालन
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस और पर्यावरण एजेंसियां नियमित गश्त करेंगी और गैर-प्रमाणित पटाखों की बिक्री पर निगरानी रखेगी। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में संयुक्त टीमें गठित की जा रही हैं ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
पीईएसओ अधिकारियों को बिक्री केंद्रों का औचक निरीक्षण करने और नमूना परीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, उल्लंघन की स्थिति में भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने जैसी कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह, इस साल की दिवाली “ग्रीन पटाखों वाली दिवाली” होगी — जहां उत्सव के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी समान ध्यान दिया जाएगा।