नासा ने शुक्रवार को अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले अपने अगले मैन्ड मिशन के नामों का ऐलान कर दिया। इसके लिए भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स समेत 9 एस्ट्रोनॉट्स को चुना गया है। जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध रॉकेट और कैप्सूल के जरिए अंतरिक्ष जाने के पहले मिशन के लिए उड़ान भरेंगे। 2012 के बाद नासा का यह पहला मैन्ड मिशन होगा। अभियान अगले साल शुरू होगा।
नेशनल ऐरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने कई साल पहले इस यान के विकास और निर्माण का विचार किया था और अब वह वाणिज्यिक अंतरिक्ष यान के जरिए अंतरिक्षयात्रियों को भेजने जा रहा है।
2011 में नासा ने इंसानों को अंतरिक्ष में ले जाने वाले स्पेस शटल को रिटायर कर दिया था। इसके बाद से ही एजेंसी मानव अंतरिक्ष यान बनाने के लिए एलन मस्क की स्पेस एक्स और बोइंग के साथ काम कर रही है। दोनों कंपनियां 2019 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर टेस्ट फ्लाइट भेजेंगी।
Future @Commercial_Crew astronauts will be riding to space on partner vehicles built by @SpaceX & @BoeingSpace. Current @Space_Station resident @astro_ricky shares his excitement in having these new spacecraft dock to our orbiting laboratory. More: https://t.co/S4LAQnxtKl pic.twitter.com/VLnMpF6hi1
— NASA (@NASA) August 3, 2018
नासा ने शुक्रवार को घोषणा की कि पहले प्रायोगिक यान पर 9 अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जाएगा। नए अंतरिक्षयान का निर्माण और इसका संचालन बोइंग कंपनी और स्पेसएक्स ने किया है। नासा ने ट्वीट किया, ‘भविष्य के कमर्शल क्रू के अंतरिक्षयात्री स्पेस एक्स ऐंड बोइंगस्पेस के सहयोग से निर्मित यान के जरिए अंतरिक्ष की यात्रा पर निकलेंगे।’
नासा के प्रशासक जिम ब्राइडन्सटाइन ने ‘लॉन्च अमेरिका’ घोषणा के दौरान कहा, ‘हमलोग अमेरिकी अंतरिक्षयात्रियों को अमेरिकी सरजमीं से अमेरिकी रॉकेट से भेजने के कगार पर हैं।’ नासा के 8 सक्रिय अंतरिक्षयात्री और एक पूर्व अंतरिक्षयात्री एवं वाणिज्यिक चालक दल के सदस्य को वर्ष 2019 की शुरुआत में बोइंग सीएसटी-100 स्टारलाइनर एवं स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल्स से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा जाएगा।
नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडेन्स्टाइन ने कहा कि 2011 के बाद से ये पहली बार है जब हम अमेरिका की जमीन से, अमेरिकी रॉकेट पर किसी अमेरिकी एस्ट्रोनॉट को भेजने वाले हैं। वहीं नासा के जाॅनसन स्पेस सेंट के निदेशक मार्क गेयर ने कहा कि हम अपनी पहली फ्लाइट में जिन पुरुषों और महिलाओं को शामिल करते हैं वे हमारे चुनिंदा लोग हैं।
अमेरिका के यूक्लिड (ओहियो) में जन्मीं सुनीता विलियम्स नेवी में कैप्टन के पद से रिटायर होने के बाद नासा पहुंची थीं। 1998 में एस्ट्रोनॉट के तौर पर चुने जाने के बाद उन्होंने अब तक करीब 322 दिन आईएसएस पर बिताए हैं। इसके साथ ही उन्होंने करीब 7 बार स्पेस वॉक में भी हिस्सा लिया है।