भारत देश ने एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है, जिसके लिए आज भारतीय जनता अपने रक्षा विभाग की टीम पर गर्व महसूस कर रही हैं। मंगलवार को भारत ने जमीन की सतह से हवा में दुश्मनों का खात्मा करने वाली ‘सुपरसोनिक मिसाइल आकाश’ का सफल परीक्षण किया। ये परिक्षण ओडिशा के चांदीपुर में ‘इंटीग्रेटिड टेस्ट रेंज’ के परिसर-3 में दोपहर के समय किया गया।

इस मिसाइल की खास विशेषता ये है, कि आकाश मिसाइल में स्वदेशी रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर लगा हुआ है, इसलिए आकाश के जरिए एक बार में लगभग 25 किलोमीटर की दूरी तक निशाना साधा जा सकता है। यह सुपरसोनिक मिसाइल दुश्मनों का एक ही बार में खात्मा करने में सक्षम है। इस सुपरफास्ट मिसाइल ने अपना पहला निशाना यूएवी “बंशी” को बनाया था। आकाश एक बार में 55 किलोग्राम तक के आयुध ले जाने में सक्षम साबित होगी।

‘आकाश’ को हराना असंभव

गर्व की बात है कि इस ‘सुपरसोनिक मिसाइल आकाश’ को डीआरडीओ द्वारा आकाशीय लक्ष्य जैसे फाइटर जेट, क्रूज मिसाइल और बैलेस्टिक मिसाइल को मार गिराने की क्षमता के साथ विकसित किया गया है। रक्षा सूत्रों ने इस बात का दावा किया है कि इस टेस्ट के बाद भारत ने सतह से हवा में किसी भी मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता हासिल कर ली है। जिसके बाद आकाश को हराना किसी भी मामूली मिसाइल के लिए असंभव है। इस मिसाइल के निर्माण में ‘रैमजेट रॉकेट सिस्टम’ का इस्तेमाल किया गया है जो ऑटोपायलट सिस्टम से लैस है। इस खूबी से इस मिसाइल की मारक क्षमता और अधिक बढ़ जाती है।

दुश्मनों का खात्मा करने के लिए तैयार

दुनिया में दो देश ऐसे हैं, जो सबसे ज्यादा भारत से दुश्मनी निभाते है और वो देश हैं-पाकिस्तान और चीन। ‘आकाश मिसाइल’ की तैनाती भारतीय वायुसेना और थलसेना में की जाएगी, जिसे चीन और पाकिस्तान के फ्रंट पर लगाया जाएगा। इस मिसाइल के निर्माण से सबसे ज्यादा खतरा चीन और पाकिस्तान को ही होगा। जमीन से हवा में मार करने वाली ‘आकाश मिसाइल’ दुश्मनों के एयरक्राफ्ट और ड्रोन्स को हवा में तबाह कर देगी, इसलिए अब दुश्मनों की खैर नहीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here