रक्षा मंत्री के पद से मनोहर पर्रिकर के इस्तीफे से गोवा में भले ही बीजेपी की सरकार बन गई हो लेकिन केंद्रीय कैबिनेट में रक्षा मंत्री का पद के खाली होने से एक समस्या भी पैदा हो गई है। मनोहर पर्रिकर के इस्तीफे के बाद रक्षा मंत्रालय का प्रभार अरूण जेटली को अतिरिक्त प्रभार के रूप में सौंपा गया है। मंत्रालय के सामने कार्यों को पूरा करने की लिस्ट में कई अहम काम है, जिनमें जेटली को दी गई ज़िम्मेदारी स्थायी नहीं है और भारतीय जनता पार्टी जल्द अरुण जेटली को इस ज़िम्मेदारी से जल्द मुक्त कर किसी वरिष्ठ नेता को रक्षा मंत्री बनाना चाहती है।
सूत्रों का मानना है कि रक्षा सचिव जी. मोहन कुमार को छह महीने का एक्सटेंशन दिया जा सकता है, ताकि अगले रक्षा मंत्री की नियुक्ति के लिए कामकाज सामान्य तरीके से चल सके। रक्षा मंत्रालय में नौकरशाही प्रभाव और अंदर की अनेक समस्याओं को कम करने के लिए पर्रिकर पिछले 18 महीनों से लगातार संघर्ष कर रहे थे, लेकिन नए मंत्री उनके इस काम को आगे बढ़ा सकेंगे या नहीं, इस पर भी आशंका के बादल मंडरा रहे हैं। अभी रक्षा खरीद में रक्षा मंत्रालय के नौकरशाहों का दखल सबसे ज्यादा रहता है। नेवल यूटिलिटी हेलिकॉप्टर, कंवेशनल सबमरीन, फाइटर एयरक्राफ्ट और हथियारों की खरीद कुछ ऐसे प्रमुख मामले हैं, जिन पर अभी तक रक्षा मंत्रालय ने कोई निर्णय नहीं लिया है।
फिलहाल, देश के अगले रक्षा मंत्री के रेस में कई नाम सामने आ रहे है जिसमें एक नाम है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का है। खबरों की माने तो बीजेपी आलाकमान फडणवीस को रक्षा मंत्रालय की ज़िम्मेदारी सौपने के बारे में विचार कर रही है। ख़बर के मुताबिक बतौर रक्षा मंत्री के तौर पर फडणवीस पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की पहली पसंद हैं। हालांकि, फडणवीस ने इन अटकलों को फिलहाल खारिज कर दिया है। हाल ही में महाराष्ट्र में हुए निकाय चुनावों में फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था। महानगरपालिकाओं में बीजेपी ने सत्ता बनाई, बीएमसी में भी बीजेपी ने सभी को चौकाते हुए 82 सीटें जीती। इस बेहतरीन प्रदर्शन से फडणवीस का कद बढ़ा है। ऐसे में महाराष्ट्र की कमान चंद्रकांत पाटिल को दी जा सकती है। पाटिल महाराष्ट्र बीजेपी के दिग्गज नेता है और फडणवीस कैबिनेट में राजस्व मंत्री हैं।