महाराष्ट्र के Nashik में पुलिस को उस समय भारी मश्कत का सामना करना पड़ा जब Social Media पर उड़ी अफवाह के कारण हजारों की संख्या मे बेरोजगार युवक Army में भर्ती होने के लिए पहुंच गये। जानकारी के मुताबिक नासिक पहुंचे युवक सेना में निकली खुली भर्ती का हवाला देकर खुद को भ्रम का शिकार बता रहे थे।
युवकों का कहना था कि Social Media के जरिये उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि सेना बड़े पैमाने पर भर्ती कर रही है। जिसके बाद वो अपने घरों से नासिक पहुंच गये। बताया जा रहा है कि नासिक पहुंचे युवक बहुत दूर-दूर से वहां पहुंचे थे।
Social Media के चक्कर में सैकड़ों युवक Nashik पहुंच गये
इस मामले में नासिक रोड पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने बताया, “बाहर से आ रहे लोगों से पता चला कि 16-18 दिसंबर के बीच सेना की टीए बटालियन में भर्ती है। सोशल मीडिया पर किसी ने अफवाह फैलाई है।”
इतनी बड़ी संख्या में पहुंचे युवकों की भीड़ के कारण शहर में भीड़भाड़ काफी बढ़ गई। कई जगहों पर तो अफरातफरी का माहौल भी बन गया। Social Media के अफवाह के चक्कर में मूर्ख बने युवाओं में काफी हताशा देखी गई।
कई युवा इस उम्मीद में नासिक पहुंचे थे कि वो Army में भर्ती होकर बेरोजगारी को अलविदा कह देंगे और परिवार को आर्थिक तौर पर सहारा देंगे। कई मां-बाप के सपनों के टूटने का हवाला भी दे रहे थे। कुल मिलाकर नासिक पहुंचे युवकों को बैरंग ही लौटना पड़ा।
Nashik की घटना बेरोजगारी के विभत्स तस्वीर को बयां कर रही है
Nashik की घटना बता रही है कि देश में बेरोजगारी का क्या आलम है और युवा किस तरह से नौकरी की तलाश में दर बदर भटक रहे हैं। Army और पुलिस की भर्ती में पहुंचे युवाओं की भीड़ इस बात को बखूबी दर्शा रही है कि भारत में बेरोजगारी का पैमाना का काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।
आज के दौर की भयावह सच्चाई तो यही है कि सरकार लोगों के जीवन स्तर को सुधारने और रोजगार मुहैया का लाख दावा करे लेकिन जमीनी सच्चाई तो यही है कि युवाओं की बड़ी संख्या के पास न रोजगार है और न ही उनके पास आय का कोई साधन है।
सरकार दिनरात गरीबी और बेरोजगारी को मिटाने की बात करती है लेकिन कड़वा सच तो यही है कि बेरोजगारी का बढ़ता आंकड़ा इतना भयावह रूप ले चुका है कि सरकार इसका सामना करने में खुद को सक्षम नहीं पा रही है।
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