पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि निरंकारी भवन पर ग्रेनेड हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की आशंका है। कैप्टन ने कहा कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिले हैं कि इस्तेमाल किया गया ग्रेनेड पाकिस्तानी सेना के आयुध कारखाने में निर्मित किया गया है। उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगी और अमृतसर के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ घटना की जानकारी लेने के पश्चात पत्रकारों से कहा कि पुलिस ने इसी तरह के एच जी-84 ग्रेनेड को आतंकवादी मॉड्यूल से बरामद किया था। पिछले महीने पंजाब पुलिस ने सीमा पार से दुश्मन ताकतों की इस तरह की घटनाओं में भागीदारी की आशंका के संकेत दिये थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम दृष्यता यह आईएसआई समर्थित खालिस्तान या कश्मीरी आतंकवादी समूहों की भागीदारी के साथ अलगाववादी ताकतों द्वारा आतंक का एक कार्य प्रतीत होता है, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस घटना का गंभीर संज्ञान लिया है और गंभीरता से सभी कोणों से जांच की जा रही है। घटनास्थल पर मीडिया के लोगों से बात करते हुए कैप्टन ने कहा कि अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हमलावरों की गिरफ्तारी की ओर अग्रसर किसी भी जानकारी के लिए 50 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआईए भी जांच में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा कुछ सुरागों का पता लगाया गया है और इसकी जांच भी की जा रही है। एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि हमले की 1978 में निरंकारी संघर्ष के साथ तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि यह एक धार्मिक मामला था और अदलीवाल की घटना पूरी तरह से आतंकवाद का मामला है। तेरह अप्रैल 1978 को अमृतसर में संत निरंकारी मिशन और पारंपरिक सिखों के बीच हिंसा में 13 लोगों की मौत हो गयी थी और इसके पश्चात राज्य में आतंकवाद की लहर शुरू हो गयी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरुआती जांच के अनुसार कल की घटना में कोई धार्मिक संबंध नहीं है।
एच एस फुल्का के अपमानजनक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कैप्टन ने कहा कि राज्य में आतंकवाद के पुनरुत्थान पर खुद को सही साबित करने के लिए निरंकारी भवन ग्रेनेड हमले के लिए सेना प्रमुख पर आरोप लगाने से स्पष्ट है कि आप नेता स्पष्ट रूप से ‘अस्थिर’ हैं। उन्होंने कहा कि केवल मानसिक अस्थिरता से ग्रस्त कोई भी इस तरह के घृणास्पद और गैरकानूनी बयान दे सकता है। एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पहले ही उच्च चेतावनी पर है जिसमें ऐतिहासिक इमारतों और अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक प्रतिष्ठानों और बुनियादी ढांचे के आसपास सख्त जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में पुलिस नाका स्थापित किए गए हैं और गश्ती दल संदिग्ध वस्तुओं / गतिविधियों की तलाश में घूम रहे है, उन्होंने जिला और पुलिस प्रशासन को सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने की संभावना का पता लगाने के लिए निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री ने घायल लोगों से मिलने के लिए आईवीवाई अस्पताल का दौरा किया और हमले में मारे गए लोगों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरी और घायल लोगों को 50 हजार रुपये और उनके नि:शुल्क उपचार का एलान किया। शीर्ष पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री घटनास्थल पर गए और उस स्थान की जांच की जहां से दो लोगों ने ग्रेनेड फेंका था। इससे पहले, उनके आगमन पर मुख्यमंत्री को गृह सचिव एन एस काल्सी, पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा और डी सी अमृतसर कमलदीप संघा ने घटना संबंधी जानकारी दी। मुख्यमंत्री के साथ अन्य लोगों में कैबिनेट सहयोगी, कांग्रेस पदाधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी भी थे।
-साभार, ईएनसी टाईम्स