नेशनल सिक्यूरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने सही जानकारी नहीं मुहैया कराने पर तीन विदेशी फंडों के अकाउंट पर रोक लगा दी है। तीनों विदेशी फंड़ों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में 43,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके कारण आज का दिन अडानी ग्रुप के लिए काफी बुरा रहा। अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है।
एक अधिकारिक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, ओनरशिप के बारे में पर्याप्त जानकारी न देने की वजह से यह कार्रवाई की गई है। अकाउंट फ्रीज होने का मतलब यह है कि ये फंड अब न तो अपने खाते के शेयर बेच सकते हैं और न ही नए शेयर खरीद सकते हैं।
विदेशी निवेशकों को हैंडल करने वाले डिपॉजिटरी ने बताया कि मनी लॉड्रिंग रोधी कानून (PMLA) के तहत इन अकाउंट से फायदा उठाने वाले स्वामित्व के बारे में पर्याप्त जानकारी न देने की वजह से यह कार्रवाई की गई है। कस्टोडियन आमतौर पर अपने ग्राहकों को ऐसी कार्रवाई से पहले नोटिस देते हैं, लेकिन फंड से कोई जवाब न मिलने पर अकाउंट को फ्रीज करने जैसी सख्त कार्रवाई की जाती है।
NSDL ने Albula इनवेस्टमेंट फंड, Cresta फंड और APMS इनवेस्टमेंट फंड के अकाउंट फ्रीज किए हैं। डिपॉजिटरी की वेबसाइट के अनुसार ये अकाउंट 31 मई को या उससे पहले ही फ्रीज किए गए हैं।
अकाउंट फ्रीज होने के कारण अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 15 फीसदी टूटकर 1361.25 रुपये पर पहुंच गया। अडानी पोर्ट्स ऐंड इकोनॉमिक जोन 14 फीसदी, अडानी पावर 5 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन 5 फीसदी, अडानी ग्रीन एनर्जी 5 फीसदी, अडानी टोटल गैस 5 फीसदी टूट गया।
इस मुद्दे पर अभी तक अडानी ग्रुप की तरफ से कोई बयान नहीं दिया गया है। बता दें कि यह तीनों फंड मॉरीशस के हैं और सेबी में इन्हें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) के रूप में रजिस्टर्ड किया गया है। तीनों का संयुक्त रूप से अडानी एंटरप्राइजेज में 6.82 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 8.03 फीसदी, अडानी टोटल गैस में 5.92 फीसदी और अडानी ग्रीन में 3.58 फीसदी का निवेश है।