शराब किंग विजय माल्या के विदेश भाग जाने के बाद से केंद्र सरकार की एजेंसियां तो सतर्क हुई ही हैं, सुप्रीम कोर्ट भी ऐसे मामलो में सचेत दीख रहा है। इससे पहले की यूपीए सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर रहे पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति को लुक आउट नोटिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई और फिलहाल, कोई राहत देने से इनकार कर दिया। उन्हें आईएनएक्स मीडिया केस में अपनी बात रखने के लिए सीबीआई के सामने पेश होना ही होगा। कार्ति को एक मामले पूछताछ के लिए सीबीआई और ईडी ने कई नोटिस भेजे लेकिन वो पेश नहीं हुए। इसके बाद लुक आउट नोटिस जारी किया गया। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति के देश छोड़ने पर रोक लगा दी ।
इससे पहले जून में सीबीआई और ईडी ने कार्ति को कई समन जारी किए। उनसे दोनों एजेंसियों के सामने पेश होने को कहा गया। लेकिन, बजाए एजेंसियों के सामने पेश होने के कार्ति कोर्ट चले गए। इसके बाद सीबीआई ने कार्ति के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया।
कार्ति चिदंबरम ने लुक आउट नोटिस के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में अपील की। इसमें वहां उन्हें स्टे मिल गया। लेकिन, सीबीआई ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। और इस अपील पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को साफ कर दिया कि कार्ति को सीबीआई के सामने पेश होना होगा। और वो फिलहाल, देश से बाहर नहीं जा सकते।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस जेएस. खेहर और जस्टिस जेवाई. चंद्रचूढ़ ने की। सुनवाई के दौरान, बेंच ने पाया कि कार्ति को सीबीआई और ईडी ने कई समन जारी किए लेकिन वो पूछताछ और जांच में सहयोग से बचते रहे। इतना ही नहीं, उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए भी कोशिश नहीं की। इसके बाद, बेंच ने कार्ति पर सख्त रुख अख्तियार किया। उन्हें जांच एजेंसियों के सामने पेश होने को कहा। साथ ही ये भी साफ कर दिया कि शुक्रवार को अगली सुनवाई होने के पहले वो देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकते।
जानिए कार्ति से जुड़े मामले की कुछ खास बातें…
- सीबीआई का आरोप है कि कार्ति की कंपनी को इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के मीडिया हाउस से फंड ट्रांसफर हुआ।
- कार्ति के अलावा चार और लोगों को इस मामले में समन जारी किए गए थे।
- कार्ति और आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है।
- कार्ति के पिता पी. चिदंबरम यूपीए सरकार में पहले होम और बाद फाइनेंस मिनिस्टर रह चुके हैं।
- उनके घर और ऑफिस पर कुछ महीने पहले छापे भी मारे गए थे।
इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट में 7 अगस्त को इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने भी कहा था कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर इसलिए जारी किया गया है ताकि वो भी विजय माल्या की तरह देश छोड़कर ना भाग जाए।
सारांश- माल्या के विदेश भाग जाने के बाद से केंद्र सरकार की एजेंसियां तो सतर्क हुई ही हैं, सुप्रीम कोर्ट भी ऐसे मामलो में सचेत दीख रहा है। इससे पहले की यूपीए सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर रहे पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति को लुक आउट नोटिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई और फिलहाल, कोई राहत देने से इनकार कर दिया।