यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले का मोह इस कदर है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी वह बंगले को खाली नहीं करना चाह रहे हैं। आए दिन पूर्व मुख्यमंत्री साम दाम दंड भेद जैसे तरीके इस उम्मीद में अपना रहे हैं कि बस कैसे भी उनका प्यारा बंगला बच जाए। इस संबंध में पहले सपा संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सीएम योगी से उनके आवास पर मिलकर बंगला बचाने का फॉर्मूला पेश किया था। और अब उन ही के बेटे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य संपत्ति अधिकारी से सरकारी आवास खाली करने के लिए दिए गए समय को बढ़ाने की मांग की है। बता दें सोमवार को अखिलेश यादव के निजी सचिव ने राज्य संपत्ति विभाग को इस संबंध में पत्र भेजा है।
यह भी पढ़ें: योगी से मिले मुलायम, सरकारी बंगला बचाने की लगाई गुहार
इधर तो दोनों पिता और पुत्र हर हाल में बंगले को बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं तो उधर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी बंगला बचाने के लिए एक पैंतरा अपनाया है। सोमवार को उन्होंने अपने सरकारी आवास 13 ए माल एवेन्यू पर गेस्ट हाउस का बोर्ड लगवा दिया है। जिस पर कांशीराम की फोटो समेत ‘श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल’ लिखा है। इस बोर्ड से उनका मकसद साफ है कि वह चाहती है कि हर हाल में यह बंगला उनके ही कब्जे में रहे। बता दें यह बंगला खाली करने के बाद मायावती 13 माल रोड के पास में ही बने निजी मकान 9 मॉल रोड में शिफ्ट करेंगी।
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने पलटा यूपी सरकार का फैसला, पूर्व मुख्यमंत्रियों को छोड़ने पड़ेंगे सरकारी बंगले
दूसरी ओर, मुलायम सिंह यादव भी किराए का घर देख रहे हैं। माना जा रहा है कि मुलायम अब अपना खुद का मकान बनवा सकते हैं। लेकिन घर बनने में करीब एक साल का वक्त लग जाएगा तो तब तक वह या तो अपने बेटे प्रतीक के घर रहेंगे या फिर किसी किराए के मकान में शिफ्ट होंगे।
यह भी पढ़ें: सरकारी बंगला बचाने को लेकर मुलायम द्वारा सीएम योगी को लिखी चिट्ठी हुई वायरल
वहीं, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तो पहले ही सरकारी आवास को छोड़ने की घोषणा कर दी थी। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार के नोटिस अवधि पूरी होने से पहले ही वह 4 कालिदास मार्ग का सरकारी बंगला खाली कर अपने निजी आवास में शिफ्ट होंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह 29 मई तक शिफ्ट कर सकते हैं।