भारत ही नहीं दुनियाभर में महिलाओं के कामों को उतनी तवज्जों नहीं दी जाती, जितनी की पुरुषो के काम को दी जाती है। सऊदी जैसे रुढ़िवादी देश में महिलाओं को और उनके कामों को भी वो सम्मान नहीं मिलता जो उनको मिलना चाहिए, लेकिन अब सऊदी अरब में भी महिलाओं को उनके काम के लिए तवज्जों मिलना शुरु हो गया है।
लगभग 20 सालों की लड़ाई के बाद नौफ मरवाई को सऊदी अरब का पहला प्रमाणित योग प्रशिक्षक (योगा इंस्ट्रक्टर) घोषित किया गया है। उनके प्रयासों और संघर्ष की तारीफ करते हुए, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सऊदी ने अरब में योग को प्रचलित करने के लिए मरवाई को पद्म श्री से सम्मानित किया। एक इंटरव्यू के दौरान नौफ ने महिलाओं व योग के मामले में मोहम्मद बिन सलमान के शासनकाल में किए गए ‘प्रगतिशील सुधारों’ के बारे में बताया।
सऊदी अरब में योग एक कानूनी स्पोर्ट्स के रूप में जगह पाने के सफर को बताते हुए उन्होंने कहा कि दो दशक पहले सऊदी में मैं एकमात्र योग टीचर थी और 2004 में केवल मैंने ही योग के बारे में सार्वजनिक रूप से बात की थी। मैंने हजारों लोगों और कई योग शिक्षकों को प्रशिक्षित किया, जो अब सऊदी और अन्य अरब देशों के कई शहरों में पढ़ा रहे हैं। यहां पर योग कई लोगों और अधिकारियों के लिए नयी और अंजान चीज़ थी। मैंने उन्हें 2006 में योग को कानूनी रूप से मान्यता दिए जाने के लिए संपर्क किया लेकिन इससे कुछ निष्कर्ष नहीं निकला।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में बदलाव 2015 में आने शुरू हुए, जब महिलाओं के खेलों और योग को लेकर कुछ चरमपंथियों के साथ मेरा संघर्ष चल रहा था. 21 जून को भारत के प्रधानमंत्री की कोशिशों से जब संयुक्त राष्ट्र ने योग दिवस के रूप में घोषित किया था। जैसे-जैसे हमें प्रसिद्धि मिलती गई भारतीय दूतावास ने भी इस मामले में सपोर्ट करना शुरू कर दिया।
हालात में तब सुधार हुआ जब फरवरी 2017 में मैंने राजकुमारी रीमा बंत बंदार अल सऊद से मुलाकात की, वह सऊदी अरब की स्पोर्ट्स अथॉरिटी फॉर प्लानिंग एंड डेवेलपमेंट की डिप्टी प्रेसीडेंट थीं। सरकार में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। जून 2017 में, सऊदी अरब के जनरल स्पोर्ट्स अथॉरिटी ने हमें योग दिवस समारोह के लिए समर्थन दिया था। जनरल स्पोर्ट्स अथॉरिटी वहां आने वाले लोगों की संख्या को देखकर आश्चर्यचकित था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारें में उन्होंने कहा कि उनका व्यक्तित्व और उनकी विदेश नीति बहुत ही प्रभावशाली है। मुझे तब उनके बारे में और जानने का मौका मिला जब संयुक्त राष्ट्र द्वारा योग दिवस को मान्यता दी गई। मुझे आश्चर्य है कि सऊदी अरब में रहने वाले कई योगी और अन्य लोग उनके काम और उनके व्यक्तित्व के बारे में जानते हैं।