पंचायतें अपने तुगलकी फरमानों के लिए अक्सर सुर्खियों में बनी रहती हैं। पंचायतें लड़कियों के रहने-सहने को लेकर फरमान सुनाती है। कभी लड़कियों के मोबाइल इस्तेमाल पर बैन लगाती है। पंचायतों का मानना है कि मोबाइल का इस्तेमाल करने से लड़की बिगड़ती है इसलिए उनको मोबाइल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हरियाणा के एक सरपंच का कहना है कि जब से गांव में लड़कियों के मोबाइल इस्तेमाल पर बैन लगाया है तब से गांव की स्थिति बेहतर है।
हरियाणा के गांव के सरपंच ने बुधवार को बताया कि जब से यह कदम उठाया गया है, गांव की स्थिति बेहतर है और ऐसे मामलों पर लगाम लगी है। उन्होंने बताया, ‘हमारे गांव की लड़कियां जीन्स नहीं पहन सकतीं और क्योंकि वे मोबाइल फोन्स का गलत इस्तेमाल करती थीं, हमने उसे भी बैन कर रखा है। मैं यह नहीं कह रहा कि लड़कियां बिगड़ गई हैं, बस इतना है कि मोबाइल उन्हें रास नहीं आता।’ हालांकि गांव की लड़कियों के मुताबिक यह फरमान ‘अजीब’ है।
एक ग्रामीण ने कहा, ‘यह पूरी तरह से गलत है। समस्या पुरुषों की मानसिकता में है, हम क्या पहनते हैं इसमें नहीं। कपड़ों से कोई हमारे चरित्र के बारे में धारणा कैसे बना सकता है
बता दें कि सोनीपत जिले के ईशापुर खेड़ी गांव की पंचायत ने एक साल से लड़कियों के जींस पहनने और मोबाइल इस्तेमाल पर बैन लगाया हुआ है। यह बैन एक साल पहले तब लगाया था जब लड़कियों के प्रेमी के साथ भाग जाने के कई मामले सामने आए थे।
सरपंच प्रेम सिंह का कहना है कि गांव ईशापुर खेड़ी में जब गांव की लड़कियां अपने प्रेमियों के साथ निकल गईं। लड़कियों के जाने से पंचायत की बदनामी हुई थी और इसके लिए पंचायत ने सूचना क्रांति में सबसे अहम मोबाइल को जिम्मेदार माना।