उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी वेंकेटेश ने यूपी के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर निर्देश दिया कि वे “समाजवादी स्वास्थ्य सेवा” से “समाजवादी” शब्द को ढक दें। आचार संहिता लागू होने के बावजूद समाजवादी स्वास्थ्य सेवा लिखी हुई एम्बुलेंस लगातार सेवा में घूम रही हैं।
अखिलेश यादव चुनाव प्रचार के दौरान हमेशा जिक्र करते हैं कि किस तरह से समाजवादी एम्बुलेंस मौके पर पहुंचकर लोगों की मदद करती है। लेकिन चुनाव आयोग के आदेश के बाद अब अखिलेश एम्बुलेंस पर समाजवादी शब्द का प्रयोग नहीं कर पाएंगे।
आपको बता दें की यूपी में चार चरणों के मतदान हो जाने के बाद आयोग की आंखें खुली हैं। आयोग ने यूपी सरकार से आदेश पर तत्काल अमल कर रिपोर्ट भेजने को कहा है। आयोग के इस आदेश के बाद एम्बुलेंस से समाजवादी शब्द को ढकने का काम शुरू हो गया है। दरअसल चुनाव आयोग ने यह कदम एक जनहित याचिका के बाद उठाया है।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के पाण्डेय ने बताया कि इस संबंध में आई एक शिकायत पर कार्रवाई की गयी है। चुनाव आयोग ने प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश दिया था कि वह ‘समाजवादी’ शब्द ढकना सुनिश्चित कराए। पाण्डेय ने बताया कि कुल 1488 एंबुलेंस से ‘समाजवादी’ शब्द को ढक दिया गया है।
आपको बता दें कि लखनऊ में कई जगहों पर समाजवादी साइकिल ट्रैक भी ढंके गए हैं। आपको बता दें कि इससे पहले साल 2012 के विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने मायावती द्वारा बनवाये गए पत्थर के हाथियों को चुनाव के दौरान ढंकने का आदेश दिया था।