रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को दो दिवसीय भारत यात्रा पर नई दिल्ली आने वाले हैं। उनकी यात्रा से ठीक पहले रूस की संसद (डूमा) ने भारत के साथ हुए एक अहम रक्षा समझौते को मंजूरी देकर बड़ा संकेत दिया है। यह समझौता दोनों देशों को एक-दूसरे के क्षेत्र में सैन्य टुकड़ियों और उपकरणों की तैनाती के साथ संयुक्त अभ्यास, मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस समझौते का नाम रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक सपोर्ट (RELOS) है, जिसे 18 फरवरी 2025 को हस्ताक्षरित किया गया था। पिछले हफ्ते रूसी पीएम मिखाइल मिशुस्तिन ने इसे डूमा में पेश किया था, जहां अब इसे औपचारिक स्वीकृति मिल गई है।
‘इंद्रा’—भारत-रूस की संयुक्त सैन्य शक्ति का प्रतीक
भारत और रूस की सेनाएं वर्षों से संयुक्त युद्धाभ्यास ‘इंद्रा’ (INDRA) करती आ रही हैं। यह दुनिया में अपनी तरह का अनोखा ड्रिल है, क्योंकि भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना—तीनों ही अंग रूस की तीनों सेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लेते हैं।
डूमा अध्यक्ष का बयान
डूमा के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोडिन ने कहा कि भारत के साथ रूस के संबंध रणनीतिक स्तर पर बेहद मजबूत हैं और यह समझौता दोनों देशों के बीच साझेदारी को नए आयाम तक ले जाएगा। उन्होंने इसे द्विपक्षीय सहयोग को और सुदृढ़ करने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया।
भारत यात्रा पर पुतिन का फोकस
दिल्ली यात्रा से पहले पुतिन ने स्पष्ट किया कि वह 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बैठक में व्यापार, आयात और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी। पुतिन ने यह भी कहा कि रूस अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप स्वतंत्र आर्थिक नीतियों पर काम जारी रखेगा।









