राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय स्वंय संघ की ओर से तीन दिवसीय ‘भविष्य का भारत’ के कार्यक्रम के आखिरी दिन कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। भागवत ने कहा, ‘जो लोग भारत में रहते हैं वो हिंदू हैं। लेकिन वो कहने से हिचकिचाते हैं। सभी अपने लोग हैं। एकता भारत की परंपरा रही है। उन्होंने कहा, ‘अन्य मतपंथों के साथ तालमेल करने वाली एकमात्र विचारधारा, ये भारत की विचार धारा है, हिंदुत्व की विचार धारा है। भारत में रहने वाले सबलोग हिंदू ही हैं, पहचान की दृष्टि से, राष्ट्रीय दृष्टि से।
हिंदुत्व, Hinduness, Hinduism गलत शब्द हैं, ism एक बंद चीज मानी जाती है, यह कोई इस्म नही है, एक प्रक्रिया है जो चलती रहती है, गांधी जी ने कहा है कि सत्य की अनवरत खोज का नाम हिंदुत्व है, एस राधाकृष्णन जी का कथन है कि हिंदुत्व एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है #RSS4Bharat
— RSS (@RSSorg) September 19, 2018
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व, Hinduness, Hinduism गलत शब्द हैं, ism एक बंद चीज मानी जाती है, यह कोई इस्म नही है, एक प्रक्रिया है जो चलती रहती है, गांधी जी ने कहा है कि सत्य की अनवरत खोज का नाम हिंदुत्व है, एस राधाकृष्णन जी का कथन है कि हिंदुत्व एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है।’
गौरक्षा तो होनी चाहिये, लेकिन गौरक्षा सिर्फ कानून से नही होगी, गौरक्षा करने वाले देश के नागरिक गाय को पहले रखे, गाय को रखेंगे नही, खुला छोड़ेंगे तो उपद्रव होगा, गौरक्षा के बारे में आस्था पर प्रश्न लगता है #RSS4Bharat
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गौरक्षा के सवाल पर बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा, ‘केवल गायों के मुद्दे पर ही क्यों, किसी भी मामले पर कानून हाथ में लेना गलत है, गुनाह है। इसके लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
संघ में सभी जाति के लोग क्यों नहीं हैं के सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जाति अव्यवस्था है। इसे भगाने का प्रयास करना चाहिए। एक बड़ी लाइन खींचो। सामाजिक विषमता की हर बात लॉक स्टॉक बैरल कर देनी चाहिए। हम संघ में जाति पूछते नहीं हैं। सहज प्रक्रिया से सबको लाएंगे। 50 के संघ में ब्राह्मण ही नज़र आते थे। अब ज़ोन स्तर पर सब जाति के आते हैं। हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
RSS completely supports the reservation given by the constitution to remove social stigmas . The decision regarding reservation continuity has to be taken by those to whom reservation has been granted. Whenever they feel it is not necessary, they will decide. #RSS4Bharat
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जब भागवत से पूछा गया कि आरक्षण कब तक रहेगा? तो उन्हें कहा कि क्या आर्थिक आधार पर सामाजिक विषमता को हटा कर सबको बराबर का अधिकार संविधान में दिया गया है। संघ इसके पक्ष में है। जिन्हें दिया गया वे तय करेंगे कि उन्हें कब तक नहीं चाहिए। किसे मिले इस पर संविधान पीठ विचार कर रही है। आरक्षण समस्या नहीं है। आरक्षण पर राजनीति समस्या है।
SC/ST एक्ट पर हो रहे आंदोलन को लेकर मोहन भागवत ने कहा कि स्वाभाविक पिछड़ेपन के कारण और जाति के अहंकार के कारण अत्याचार की स्थिति है। वो ठीक से लागू हो। उसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। सामाजिक समरसता की भावना काम करनी चाहिए।