सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएस टीपी सेनकुमार मामले में केरल सरकार पर 25 हजार रूपये का जुर्माना लागाया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के मुख्य सचिव से जवाब मांगा था कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद पुलिस महानिदेशक के रूप में सेनकुमार की बहाली में विलंब क्यों किया जा रहा है?
केरल में लेफ्ट पार्टी की सरकार बनने के दो दिन बाद सेनकुमार को खराब प्रदर्शन बताकर डीजीपी पद से हटा दिया गया था। उनके ऊपर पुटिंगल मंदिर की अग्नि त्रासदी और जिशा हत्या के मामले में मनमानी करने का आरोप भी लगाया गया था। इस मामले में याचिकाकर्ता सेनकुमार ने सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार के खिलाफ याचिका दायर किया था।
केरल सरकार सेनकुमार पर लगाए अपने आरोपों को कोर्ट में साबित नहीं कर पाई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गत 24 अप्रैल को सेनकुमार की बहाली के आदेश दिए थे। आदेश के एक हफ्ते बाद भी केरल सरकार ने उनकी बहाली के लिए कोई कदम नहीं उठाया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर विधानसभा का बहिष्कार किया था।
जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा को स्पष्टीकरण अर्जी वापस लेने की अनुमति दे दी।
पीठ ने केरल सरकार के स्पष्टीकरण की मांग पर कहा, ‘हम समझ रहे हैं कि आप क्या कह रहे हैं। लेकिन आप भी समझिए कि हमने क्या कहा है।’