पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश ने सैकड़ों किलोमीटर दूर बसी देश की राजधानी दिल्ली को दहला दिया है। कभी दिल्ली की जीवनदायिनी रही यमुना में पानी लगातार बढ़ रहा है। यमुना में पानी बढ़ने से हरियाणा के हथिनी बैराज के फाटकों को खोलना पड़ रहा है। जो दिल्ली में जल प्रलय ला रहा है।

राजधानी के निचले इलाकों से अब तक डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए जगह-जगह टेंट लगाए गए हैं। दिल्ली सरकार सारी व्यवस्थाएं होने के दावे भी कर रही है। नाले में तब्दील हो चुकी यमुना नदी ने खतरनाक दरिया का रूप धर लिया है। मई-जून के महीने में जिस यमुना नदी में घुटनों तक भी पानी नहीं होता था। अब उसका थाह नहीं लग रहा है। उफनती यमुना नदी अपने साथ सबकुछ बहा ले जाने पर अमादा है।

पहाड़ों पर हो रही ही बारिश से यमुना नदी में तेजी से पानी बढ़ रहा है। नदी के पानी को रोकने के लिए हरियाणा में बने हथिनी बैराज के फाटकों को बढ़ते पानी के चलते बार-बार खोलना पड़ रहा है। अभी दो दिन पहले ही बैराज से छह लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। एक बार फिर बैराज से लगभग ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।

यमुना का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। पूर्वी और बाहरी दिल्ली के इलाकों में लगातार यमुना का पानी भर रहा है। अधिकारी लगातार यमुना के बढ़ते जल स्तर पर नजर बनाए हुए हैं। दिल्ली सरकार भी सबकुछ कंट्रोल में होने का दावा कर रही है। यमुना नदी के रौद्र रूप को देखकर अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक हौसले पस्त हो गए हैं। प्रभावित इलाकों से लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कोशिशें हो रही है। फिर भी अभी भी कई क्षेत्रों में लोग निचले इलाकों में झुग्गियों में बने हुए हैं। सरकार सबकुछ ठीक होने के दावे कर रही है। सारे इंतजाम करने का दम भी भर रही है। लेकिन बाढ़ से पीड़ित लोग सरकार के दावों की पोल खोलते हैं। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें किसी तरह की सुविधा नहीं मिल रही है।

दरअसल, दिल्ली पर बाढ़ का खतरा हर साल मंडराता है। ओल्ड यमुना ब्रिज के पास हर साल जल सैलाब उमड़ता है। लोहे के पुराने पुल से रेल परिचालन भी ठप करना पड़ता है। लेकिन इस साल अभी तक रेल परिचालन बंद नहीं हुआ है। यमुना में पानी बढ़ने से सिर्फ दिल्ली पर ही खतरा पैदा नहीं हुआ है। हरियाणा के यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत व सोनीपत जिलों के कई इलाकों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। जिसको देखते हुए संबंधित जिलों के अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है। हरियाणा के गांवों में भी पानी घुस गया है। हो भी क्यों नहीं यमुना ने उफान के मामले में 2013 के बाद से सारे रिकॉर्ड जो ध्वस्त कर दिए हैं।

एपीएन ब्यूरो

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here