अब बाजार जाते वक्त घर से अपनी थैली ले जाना ना भूलें। उत्तर प्रदेश में अब दुकानदार आपको पॉलीथीन की थैली नहीं दे पाएंगे। उत्तर प्रदेश में 15 जुलाई से 50 माइक्रॉन से कम वाले प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके लिए राज्य पाल रामनाईक ने अध्यादेश पर भी हस्ताक्षर कर दिए हैं। इससे प्रदेश में प्लास्टिक बैन को लेकर अध्यादेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। अब प्रदेश में तय मानकों से इतर वाले प्लास्टिक उत्पाद या पॉलीथीन बैग की बिक्री और भंडारण करने पर एक हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
वहीं राज्यापाल रामनाईक ने अध्यादेश की कॉपी पर हस्तारक्षर करके उसे नगर विकास विभाग को लौटा दिया है। अध्यादेश के मुताबिक कई विभागों के अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए अधिकार दिए गए हैं। इसमें ये भी प्रावधान किया गया है कि जब्त की जाने वाली प्लास्टिक की संख्या और मात्रा के अनुसार सजा और जुर्माना लगाया जा सके।
मुख्य बातें :-
- 15 अगस्त के बाद 50 माइक्रॉन से मोटी पॉलिथीन भी नहीं बिक सकेगी।
- पॉलीथीन बैग की बिक्री और भंडारण करने पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
- जो पॉलिथीन का इस्तेमाल करना चाहते हैं, उन्हें नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा।
- लाइसेंस फीस चार हजार रुपये महीना या 48 हजार रुपये सालाना तय की गई है।
- लाइसेंस लेने के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया गया है।
- इसके बाद बिना लाइसेंस 50 माइक्रॉन से मोटी पॉलिथिन का इस्तेमाल करने वालों पर वही कार्रवाई होगी।
- पॉलिथिन बैन का उल्लंघन करने वालों की शिकायत के लिए लखनऊ डीएम ने जारी किए वॉट्सऐप नंबर।
प्रदेश सरकार ने छह जुलाई को राज्य में पॉलीथीन और तय मानकों से इतर प्लास्टिक उत्पादों पर बैन लगाने का एलान किया था। 15 जुलाई से यूपी में प्लांस्टिक बेचने या इस्तेमाल करने वालों पर जुर्माना लगेगा और फिर सजा का प्रावधान किया गया है। प्रदेश की योगी सरकार ने ये फैसला पर्यावरण को बचाने और प्रदेश में अंधाधुंध हो रहे प्ला स्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए लिया है।
पॉलीथीन बैन पर योगी की अपील
‘हमने 15 जुलाई से पूरे प्रदेश में प्लानस्टिक को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है मैं आह्वान करता हूं कि 15 जुलाई के बाद प्लास्टिक के कप, गिलास, और पॉलीथीन का इस्तेरमाल किसी भी स्तर पर ना हो। इसमें आप सभी की सहभागिता जरूरी होगी‘
यूपी सरकार पॉलीथीन बैन को तीन चरणों में लागू करेगी।
- पहला चरण 15 जुलाई से 50 माइक्रोन तक की पॉलीथिन बैग प्रतिबंधित किया जाएगा।
- इसके बाद 15 अगस्त से प्लास्टिक और थर्मोकोल आदि से बने कप, प्लेट और ग्लास प्रतिबंधित किए जाएंगे।
- तीसरा और आखरी चरण दो अक्टूबर से शुरू होगा। इस तारीख से सभी प्रकार के पॉलीबैग और प्लास्टिक जो कंपोस्ट नहीं हो सकते हैं उन पर प्रतिबंध किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में इससे पहले भी प्लास्टिक को बैन करने की कोशिश अखिलेश सरकार में की जा चुकी है। सरकार की ओर से प्लास्टिक को बैन तो किया गया था लेकिन प्लास्टिक बैन के क्रियान्वयन के लिए किसी भी एक एजेंसी को पूरी जिम्मेदारी ना मिलने के कारण ये बैन लागू नहीं हो सका था और उसके बाद से प्लास्टिक बैन को लेकर बेहद संजीदा प्रयास नहीं किए गए। अब योगी सरकार के पॉलीथीन बैन से पर्यावरण साफ होने की उम्मीद फिर से बंधी है। लेकिन जरूरत है जनता के साथ की। जिसके बिना ये मुहिम सफल नहीं पाएगा।