उत्तरप्रदेश में अपने मंत्रियों और अधिकारियों को लाल बत्ती के उपयोग से सम्बंधित आदेश जारी करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आज यानि 21 अप्रैल से पूरे राज्य में लाल और नीली बत्ती का उपयोग नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री का यह आदेश केंद्र की मोदी सरकार के उस फैसले के बाद आया है जिसमे एक मई से लाल बत्ती पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी। योगी के इस आदेश के बाद उत्तरप्रदेश का कोई भी अधिकारी या मंत्री लाल या नीली बत्ती का उपयोग नहीं कर सकेगा। हालांकि जरूरी सेवाओं जैसे फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, आर्मी और पुलिस वाहनों पर यह फैसला लागू नहीं होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह फैसला गुरुवार को शास्त्री भवन में विभिन्न विभागों के प्रस्तुतिकरण के दौरान मंत्रियों और अफसरों की मौजूदगी किया। इस फैसले के बारे में बोलते हुए योगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया और बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया यह एक जन-उपयोगी और बड़ा फैसला है। इससे देश में वीआईपी कल्चर ख़त्म होगा और आम लोगों को राहत व सुविधा मिलेगी इस दौरान योगी ने राज्य में वीआईपी की सुरक्षा में तैनात अतिरिक्त बलों को भी कम किए जाने की बात कही है।
योगी के इस फैसले से पहले ही कई मंत्रियों ने अपनी गाडी से लाल बत्ती उतार दी थी। हालांकि अधिकारियों ने इसका प्रयोग अनवरत जारी रखा था। कुछ मंत्री भी ऐसे थे जिन्हें अपनी लाल बत्ती को उतरने का मन नहीं था। या यूँ कहें वह ऐसे ही किसी फैसले के इंतजार में थे। ऐसे अधिकारियों और मंत्रियों को अब न चाहते हुए भी इनका त्याग करना होगा।
गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े सूबे में वीआईपी कल्चर को स्टेटस सिंबल माना जाता रहा है। अधिकारी और मंत्रियों के अलावा ग्राम प्रधान से लेकर पार्टी के आम कार्यकर्ता और कई छोटे नेता भी जम कर बे-रोक,टोक लाल नीली बत्ती का इस्तेमाल करते रहे हैं। इसके अलावा अधिकारी और मंत्रियों के परिवार के लोग भी अपनी हनक दिखाने और धौंस ज़माने के लिए इन बत्तियों का खूब इस्तेमाल करते रहे हैं। ऐसे में योगी का यह फैसला उत्तरप्रदेश के ऐसे लोगों को हज़म होना थोडा मुश्किल है। योगी ने अतिरिक्त बलों की तैनाती भी कम करने की बात कही जो बड़ा फैसला है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि सरकारी पुलिस बल का अपनी निजी सुरक्षा के लिए गलत इस्तेमाल होता रहा है।