केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन करीब 1 साल से दिल्ली की अलग-अलग बॉर्डर पर चल रहा है। पिछले दिनों टिकरी और Ghazipur Border से दिल्ली पुलिस ने कुछ बैरिकेट्स भी हटाए थे। रविवार को भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता Rakesh Tikait ने कहा है कि अगर हमारे टेंट हटाए गए तो हम अपने टेंट पुलिस स्टेशन और डीएम ऑफिस में लगा लेंगे।
बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने रविवार को गाजीपुर (दिल्ली-यूपी) सीमा पर कहा, ”हमें पता चला है कि प्रशासन जेसीबी की मदद से यहां टेंट को गिराने की कोशिश कर रहा है। अगर वे ऐसा करते हैं तो किसान पुलिस थानों, डीएम कार्यालयों में अपना टेंट लगाएंगे।”
Delhi Police ने शुक्रवार को Ghazipur Border पर लगाए गए बैरिकेड्स को हटाया था। गाजीपुर सीमा पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले करीब 1 साल से किसान संगठन और हजाराें किसान विरोध प्रर्दशन पर बैठे हैं। किसानों के विरोध प्रर्दशन के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद पुलिस द्वारा लोहे और सीमेंट के बैरिकेड्स और तार लगाई गई थी। पुलिस अधिकारियों और मजदूरों को गाजीपुर में NH9 पर लगे लोहे की कीलों को हटाते हुए देखा गया था।
ऐसा ही नजारा शुक्रवार को Tikri Border पर भी देखने को मिला था, जहां पुलिस बैरिकेड्स हटा रही थी। टिकरी सीमा पर बैरिकेड्स की आठ परतों में से चार को हटा दिया गया।
सार्वजनिक सड़कों को अनिश्चित काल तक ब्लॉक नहीं किया जा सकता: SC
पुलिस अलग-अलग बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने का कदम इसलिए उठाई थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के 21 अक्टूबर को कहा था कि प्रदर्शनकारी सार्वजनिक सड़कों को अनिश्चित काल तक ब्लॉक नहीं कर सकते।
न्यायमूर्ति एस के कौल (Justice S K Kaul) की पीठ ने कहा था, “आखिरकार कुछ समाधान निकालना होगा। कानूनी चुनौती लंबित होने पर भी हम विरोध करने के अधिकार के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन सड़कों को इस तरह से ब्लॉक नहीं किया जा सकता है।”
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