कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि राफेल विमान सौदे में उन्होंने कानून मंत्रालय तथा रक्षा सौदा प्रकोष्ठ के सुझाव को दरकिनार करते हुए मनमानी की है और इस तरह के सौदों के लिए अनिवार्य बैंक गारंटी का भी पालन नहीं किया है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राफेल विमान सौदे में प्रधानमंत्री ने जमकर मनमानी की है। उन्होंने न सिर्फ रक्षा खरीद प्रक्रिया का उल्लंघन किया है बल्कि इस संबंध में कानून मंत्रालय तथा रक्षा खरीद प्रकोष्ठ के सुझावों को भी नहीं माना और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी से सौदे को मंजूरी दिला दी।
उन्होंने कहा कि राफेल खरीद के लिए एक समिति का गठन किया गया था और समिति ने विमानों की कीमत के बेंच मार्क को बढाने के श्री मोदी की मनमानी का विरोध किया था। समिति ने खरीद प्रक्रिया के लिए अपनाये गये तरीकों से असहमत व्यक्त की थी और तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी उसकी असहमति पर प्रतिक्रिया व्यक्त किए बिना फाइल को आगे बढा दिया। इसका मतलब यह हुआ कि तत्कालीन रक्षा मंत्री भी श्री मोदी की मनमानी का विरोध कर रहे थे इसलिए उन्होंने समिति की असहमति पर चुप्पी साधी।
प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा मंत्रालय में तत्कालीन वित्त प्रभारी सुधांशु मोहंती के साथ ही अन्य संबद्ध पक्षों ने राफेल विमानों की कीमत के बेंच मार्क को बढाए जाने पर गहरी आपत्ति जतायी थी इसके बावजूद विमानों की कीमत 39 हजार 422 करोड़ रुपए से बढाकर 62 हजार 166 करोड़ रुपए तय की गयी। उन्होंने सवाल किया कि श्री मोदी ने किसको फायदा पहुंचाने के लिए रक्षा खरीद से संबद्ध पक्षों के सुझावों की अनदेखी की है। सुरजेवाला ने कहा कि राफेल सौदे में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय हितों की अनदेखी की है और अपने पूंजीपति मित्र को फायदा पहुंचाया है। प्रधानमंत्री ने रक्षा सौदा प्रक्रिया के नियमों को पूरी तरह से ताक पर रखा है। उन्हीं के कहने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल राफेल सौदे की बातचीत के लिए पेरिस गए थे जबकि उनका इस खरीद से कोई संबंध नहीं है। उन्हें इस काम के लिए किसने अधिकृत किया इसका भी खुलासा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस तरह के बड़े सौदों के लिए बैंक गारंटी आवश्यक होती है। सौदे में सरकार का पैसा फंस सकता है इसलिए बैंक की गारंटी अनिवार्य होती है लेकिन श्री मोदी ने बैंक गांरटी की अनिवार्यता का भी उल्लंघन किया है और बिना बैंक गारंटी के इतने बड़े सौदे को अंजाम दिया है। बैंक गारंटी के लिए सरकार को कानून मंत्रालय से भी सुझाव मिला था लेकिन उसकी परवाह नहीं की गयी। प्रवक्ता ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में है तथा इसमें हुई गड़बड़ी को लेकर सारे दस्तावेज भी मौजूद हैं लेकिन गड़बड़ी कई स्तरों पर हुई है और उन्हें एक साथ न्यायालय के समक्ष पेश नहीं किया जा सकता इसलिए इस मामले की संसद की संयुक्त समिति से जांच कराना आवश्यक है।
नोटबंदी भारत का सबसे बड़ा घोटाला : सुरजेवाला
कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए नोट बंदी को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया। सुरजेवाला ने आज यहां मोदी के बिलासपुर में नोट बंदी पर दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि नोटबंदी को आज 735 दिन बीत गए हैं लेकिन इसका खामियाजा देशवासी अभी तक भुगत रहे हैं। देश के गरीब किसान मध्यमवर्ग दुकानदार व व्यवसायी की कमाई लूटने वाली नोटबंदी मोदी निर्मित तबाही थी।इससे बड़ी संख्या में बेकसूर लोगो की जान बैंकों में लगी लाईन में चली गई। उन्होने कहा कि मोदी ने नोट बंदी की दूसरी बरसी पर छत्तीसगढ़ में अपनी चुप्पी तोड़ी और सके समर्थन में ऐसे कसीदे पढ़े जैसे उन्होने कोई गलती नही हो बल्कि इससे दुनिया बदल गई हो। उन्होने आरोप लगाया कि बैंक में नोटबन्दी के कुछ समय पहले ही बड़ी संख्या में आरएसएस और भाजपा के लोगो ने एफडी कर दिया गया मगर उनकी जांच क्यो नही हुई। नोटबंदी से 120 लोगो की जान गई गरीब बुजुर्ग महिलाएं विकलांग बीमार व्यक्ति को सबसे बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सुरजेवाला ने कहा कि नोटबंदी से आतंकवाद एवं नक्सलवाद की कमर टूटने की बाते की गई थी,जबकि नोटबन्दी के बाद 86 उग्रवादी बडे हमले हुए जिसमें 127 जवान शहीद हुए साथ 130 नक्सली हमले हुए जिसमे 114 जवान शहीद हुए। नोटबन्दी से आज तक देश उबर नही पा रहा है।उन्होने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार पेटोल एवं डीजल पर कई गुना टैक्स लगाकर लोगो की जेब से पैसा लूट रही है।
-साभार,ईएनसी टाईम्स