Rabindranath Tagore Jayanti 2022: आज रवींद्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती मनाई जा रही है। रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के जोरशाको ठाकुरबारी में हुआ था। रवींद्रनाथ टैगोर महात्मा गांधी के प्रसंशक थे। मोहनदास करमचंद गांधी को ‘महात्मा’ नाम रवींद्रनाथ ने ही दिया था। रवींद्रनाथ टैगोर ने 2000 से अधिक गीत लिखे जिन्हें सामूहिक रूप से ‘रवींद्र संगीत’ के नाम से जाना जाता है। ‘गीतांजलि’ रवींद्रनाथ टैगोर की सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है।

Rabindranath Tagore ने भारत का राष्ट्रगान जन गण मन लिखा
रविंद्रनाथ टैगोर ने भारत का राष्ट्रगान जन गण मन लिखा। साथ ही उन्होंने बांग्लादेश का भी राष्ट्रगान आमार सोनार बांग्ला लिखा। रविंद्र नाथ टैगोर मशहूर साहित्यकार, दार्शनिक, रचनाकार, नाटककार, चित्रकार, समाज सुधारक, संगीतकार भी रह चुके हैं। उनका दूसरा नाम गुरुदेव भी था। आज भी रविंद्र नाथ टैगोर को लोग गुरुदेव के नाम से जानते हैं। रविंद्रनाथ टैगोर ने गीतांजलि नामक पुस्तक लिखी। जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया था। आज गुरुदेव की जयंती है इस मौके पर हम आपको उनके कुछ अनमोल वचन बताने जा रहे है जिसे पढ़कर आप तरक्की की ओर बढ़ेंगे।

रविंद्रनाथ टैगोर के अनमोल वचन
- यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा. -रवींद्रनाथ टैगोर
- मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती-रवींद्रनाथ टैगोर
- “प्रेम अधिकार का दावा नहीं करता, बल्कि स्वतंत्रता प्रदान करता है”
- समय परिवर्तन का धन है, परन्तु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं-रवींद्रनाथ टैगोर
- हमेशा तर्क करने वाला दिमाग धार वाला वह चाकू है जो प्रयोग करने वाले के हाथ से ही खून निकाल देता है।
- “प्रसन्न रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत कठिन है” -रवींद्रनाथ टैगोर
- तितली महीने नहीं क्षण गिनती है और उसके पास पर्याप्त समय होता है -रवींद्रनाथ टैगोर
- “चंद्रमा अपना प्रकाश संपूर्ण आकाश में फैलाता है परंतु अपना कलंक अपने ही पास रखता है”
- “मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती”
- विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है, और गाने लगता है-रवींद्रनाथ टैगोर

आजादी से ठीक 6 वर्ष पहले रवींद्रनाथ टैगोर का निधन 7 अगस्त 1941 को हुआ।
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