औरंगाबाद में सोमवार को निकाली गई रामनवमी की शोभायात्रा पर हुए पथराव के बाद लोग भड़क उठे। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने कई दुकानों में आग लगा दी और बवाल किया। पथराव में जुलूस में शामिल 6 से ज्यादा लोग घायल हुए। वहीं कई अधिकारियों को भी चोटें आई हैं। जिला प्रशासन ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है।और सीआरपीएफ के जवानों को फ्लैग मार्च करने का निर्देश दिया गया।

दरअसल, रामनवमी के दूसरे दिन बिहार में उपद्रवियों ने हिंसा फैलाने की कोशिश की। हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा बिहार का औरंगाबाद जिला। औरंगाबाद में सोमवार को रामनवमी की शोभायात्रा पर हुए कथित पथराव के बाद लोग भड़क उठे थे। आक्रोशित भीड़ ने करीब 50 दुकानों को आग के हवाले कर दिया। दोनों गुटों की झड़प से भड़की हिंसा के बाद डीएम ने जिले में कर्फ्यू लगा दिया ।

बता दें कि ओल्ड जीटी रोड के पास जामा मस्जिद के करीब 50 दुकानें जलाई गई हैं। वहीं पत्थरबाजी में 20 पुलिसकर्मी समेत 60 से ज्यादा लोगों के घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि हिंसा तब शुरू हुई जब नवाडीह इलाके में निकाली जा रही रामनवमी की शोभायात्रा पर कुछ लोगों ने पत्थरबाजी कर दी।जिसके बाद बवाल हुआ और दुकाने फूंक दी गई।

प्रशासन ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है। हालात तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में है। पुलिस के जवान मौके पर तैनात हैं। सीआरपीएफ के जवानों को फ्लैग मार्च करने का निर्देश दिया गया है। पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन अब हालात पर काबू पाने की कोशिश में है।

एपीएन ब्यूरो

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