पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के विधायक परगट सिंह ने कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व सीएम बीजेपी से मिले हुए हैं। विधायक ने कहा कि पंजाब के पूर्व सीएम राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कराना चाहते हैं। विधायक परगट सिंह ने कहा, ‘ मैं केंद्रीय गृह मंत्री से अपील करना चाहता हूं कि 2022, 2024 के चुनावों के लिए पंजाब को अलग-अलग दिशाओं में न ले जाएं। हम किसी को भी पंजाब को सांप्रदायिक बनाने की इजाजत नहीं देंगे। मैंने हमेशा कहा है कि कैप्टन सिर्फ बीजेपी के साथ हैं। पहले वह धान खरीद में देरी करने के लिए दिल्ली गए थे और अब यह… यदि आप पंजाब में बीएसएफ की तैनाती कर रहे हैं तो यह राज्यपाल शासन लागू करने के आपके इरादे को दर्शाता है….।’
BSF के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी, केंद्र और पंजाब सरकार के बीच विवाद
बता दें कि BSF (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दरअसल मोदी सरकार ने सीमा सुरक्षा के साथ-साथ तस्करी और अन्य आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय के एक फैसले के मुताबिक पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किमी कर दिया गया। जिसके बाद से सीमा सुरक्षा बल को बढ़े हुए दायरे में राज्य पुलिस के समान गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती के अधिकार मिल गये हैं।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किया विरोध
लेकिन गृह मंत्रालय के इस फैसले का विरोध राज्य की स्वायत्ता पर केंद्र के हमले के तौर पर देखा जा रहा है। मामले में सबसे पहले अपना विरोध पंजाब की सरकार ने जताया है और अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसका विरोध करते हुए ट्वीट किया है कि मैं भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं। जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ-साथ चलने वाले 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां देने का फैसला किया गया है, ये राज्यों के अधिकार पर सीधा हमला है। मैं गृहमंत्री अमित शाह से इस फैसले को वापस लेने का आग्रह करता हूं। वहीं पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी केंद्र के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए इसे पूरी तरह से गलत बताया है।
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रंधावा ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य के अधिकार क्षेत्र की कानून-व्यवस्था को केंद्र के अधीन केंद्रीय पुलिस बल को देना इस बात को दर्शाता है कि केंद्र राज्य की अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर रहा है।