प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को छात्रों को परीक्षा से पहले तनाव मुक्त रहने का मंत्र देते हुये कहा कि बोर्ड परीक्षा जिंदगी की नहीं, एक कक्षा की परीक्षा मात्र है। पीएम मोदी ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में देश-विदेश से आये दो हजार छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा 2.0’ में हिस्सा लेते हुए कहा “कसौटी बुरी नहीं होती, हम उसके साथ किस प्रकार से डील करते हैं, सब कुछ इस पर निर्भर करता है। आप अपने रिकॉर्ड से प्रतिस्पर्द्धा कीजिये और हमेशा अपने रिकॉर्ड ब्रेक कीजिये। इससे आप कभी निराश नहीं होंगे और तनाव में नहीं रहेंगे।” पीएम मोदी ने बच्चों को असंभव लक्ष्य बनाने से बचने और धीरे-धीरे लक्ष्य को बड़ा करने की सलाह दी।
निराशा में डूबा समाज, परिवार या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता है
आशा और अपेक्षा जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए जरूरी : पीएम मोदी #ParikshaPeCharcha2 pic.twitter.com/yjquWwF8PX
— BJP (@BJP4India) January 29, 2019
उन्होंने कहा “लक्ष्य ऐसा होना चाहिये जो पहुँच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आयेगा तो उसी से हमें नये लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी।” उन्होंने समय के सदुपयोग पर जोर देते हुये कहा “जो सफल लोग होते हैं, उन पर समय का दबाव नहीं होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्होंने अपने समय की कीमत समझी होती है।”एक छात्र के प्रश्न के उत्तर में पीएम मोदी ने कहा “अपने-आप को हमेशा यह स्मरण दिलाते रहिये कि आप जिंदगी की परीक्षा नहीं दे रहे हैं। आप सिर्फ एक कक्षा की परीक्षा दे रहे हैं।”
लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी : पीएम मोदी #ParikshaPeCharcha2 pic.twitter.com/iqbiMfbOOa
— BJP (@BJP4India) January 29, 2019
प्रधानमंत्री ने कहा कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती। उन्होंने अभिभावकों को बच्चों पर अनावश्यक दबाव नहीं डालने की हिदायत देते हुये कहा “अभिभावकों का सकारात्मक रवैया, बच्चों की जिंदगी की बहुत बड़ी ताकत बन जाता है। माँ-बाप और शिक्षकों को बच्चों की तुलना नहीं करना चाहिये। इससे बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हमें हमेशा बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिये। यदि हम अपने आपको कसौटी के तराजू पर झोकेंगे नहीं तो जिंदगी में ठहराव आ जायेगा।”
अगर हम अपने आपको कसौटी के तराजू पर झौकेंगे नहीं तो जिंदगी में ठहराव आ जायेगा।
ज़िन्दगी का मतलब ही होता है गति,
ज़िन्दगी का मतलब ही होता है सपने : प्रधानमंत्री श्री @narendramodi #ParikshaPeCharcha2 pic.twitter.com/AbmcCj44NI
— BJP (@BJP4India) January 29, 2019
उन्होंने छात्रों को जीवन में आगे बढ़ते रहने का मंत्र दिया और कहा कि ज़िन्दगी का मतलब ही होता है गति, ज़िन्दगी का मतलब ही होता है सपने। प्रधानमंत्री ने हिंदी के प्रख्यात कवि गोपालदास नीरज की एक कविता की पंक्ति ‘कुछ खिलौनों के टूटने से बचपन नहीं मरा करता है’ साझा करते हुये कहा “इसमें सबके लिए बहुत बड़ा संदेश छुपा है कि निराशा में डूबा समाज, परिवार या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता है, आशा और अपेक्षा उर्ध्व गति के लिए अनिवार्य होती है।”
-साभार, ईएनसी टाईम्स