Presidential Election 2022: 16वें राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना गुरुवार को संसद भवन में होनी है। सत्तारूढ़ NDA गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू मैदान में हैं तो वहीं यशवंत सिन्हा विपक्ष की ओर से लड़ाई लड़ रहे हैं। हालांकि, मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग सहित चुनाव के दिन मतदान के रुझान ने झारखंड के 64 वर्षीय पूर्व राज्यपाल के लिए एक स्पष्ट, आरामदायक बढ़त का संकेत दिया है।
बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में कुल मतदान 99.12 प्रतिशत था, जिसमें 4,796 पात्र (निर्वाचित सांसद और विधायक) में से 4,754 मतदाताओं ने अपना मत डाला। 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के योग्य 4,025 विधायकों में से 3,991 ने मतदान किया। 763 सांसदों में से जो पात्र थे, 771 ने मतदान किया और आठ अनुपस्थित रहे।

Presidential Election 2022: मतगणना की प्रक्रिया
राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में लोकसभा (543) और राज्यसभा (233) के कुल 776 सांसदों के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली और पुडुचेरी के विधायक शामिल होते हैं। भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कुल वोटों की गणना उनके मूल्य के आधार पर की जाती है, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग-अलग होती है। उत्तर प्रदेश के एक विधायक के पास सबसे अधिक मूल्य होता है, जिसके बाद महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है।

संसद के वोट गिने जाने के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और पुडुचेरी के वोट गिने जाने हैं। लोकसभा विधानसभा व अन्य चुनावों के इतर राष्ट्रपति चुनाव में विजेता को कुल डाले गए वोट के 50 फीसदी से अधिक वोट हासिल करने होते हैं इन्हें कोटा कहा जाता है।
कोटा निकालने का फॉर्मुला होता है। राष्ट्रपति चुनाव में अगर कुल वोट 100001 वैध वोट हैं तो विजेता को 100001/ 2+1= 50000.50+1 यानी कम से कम 50,001 वोट हासिल करने होंगे।
कितना वोट मिलने पर राष्ट्रपति चुने जाते हैं, जानिए
इस समय प्रेजिडेंट इलेक्शन के लिए जो इलेक्टोरल कॉलेज है, उसके सदस्यों के वोटों का कुल वेटेज 10,98,882 है। तो जीत के लिए कैंडिडेट को हासिल करने होंगे 5,49,442 वोट। जो प्रत्याशी सबसे पहले यह कोटा हासिल करता है, वह प्रेजिडेंट चुन लिया जाता है। 25 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे।
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